सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जैसे-यूट्यूब और ट्विटर पर सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” नाम की बीबीसी द्वारा तैयार की गई डॉक्यूमेंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह डॉक्यूमेंट्री 2002 में हुए गुजरात दंगों में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की पड़ताल करती है। वर्तमान सरकार को यह पड़ताल एक “प्रोपेगेंडा पीस” नजर आई। जबकि बीबीसी अपनी ‘पड़ताल’ के साथ खड़ी है चाहे उस पर कैसे भी आरोप लग रहे हों। बीबीसी का कहना है कि उसने आधिकारिक रूप से यह डॉक्यूमेंट्री भारत में कभी जारी नहीं की साथ ही न्यूजलॉन्ड्री को दिए एक ईमेल साक्षात्कार में बीबीसी ने कहा है कि “हमने डॉक्यूमेंट्री में उठाए गए मामलों पर भारत सरकार से जवाब की पेशकश की थी लेकिन उन्होंने अपना पक्ष रखने से इनकार कर दिया।”
प्रेस की आज़ादी खत्म करने के लिए प्रेस का ही इस्तेमाल
- विमर्श
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- 29 Jan, 2023

भारत में मीडिया की आजादी पर इतना बड़ा खतरा कभी नहीं आया। देश की मौजूदा सरकार यह कहती हुई सत्ता में आई थी कि वो मीडिया की आजादी को हर हालत में बरकरार रखेगी। लेकिन आज जो हालात हैं, वो सामने हैं। वरिष्ठ पत्रकार वंदिता मिश्रा ने प्रेस की आजादी के मौजूदा खतरों पर नजर डाली है।