देश की सुरक्षा और समृद्धि विभिन्न राज्य सरकारों व केंद्र सरकार का दायित्व है लेकिन सरकारों द्वारा प्रयोग में लायी जा रही संशोधित धर्म-निरपेक्षता देश में आंतरिक सुरक्षा व निवेश के माहौल के लिए लगातार ख़तरा बनती जा रही है। संविधान प्रदत्त धर्मनिरपेक्षता कोई किताबी ख़्याल नहीं, बल्कि देश की आवश्यकता है। लेकिन संशोधित धर्म-निरपेक्षता धीरे-धीरे देश को दो भागों में बाँट रही है।