लोकनीति सीएसडीएस सर्वे से तमाम तरह के नतीजे सामने आए। लेकिन जो सबसे खास बात थी वो ये कि भारत के लोगों का विश्वास धर्मनिरपेक्षता में अभी भी बचा हुआ है। हमारे संविधान की मूल भावना भी यही है। जाने-माने स्तंभकार अपूर्वानंद ने भी इस सर्वे के संदर्भ में कुछ बातें लिखी हैं। जरूर पढ़िएः
देश के कई राज्यों में रामनवमी पर हुई हिंसा के बीच दुनिया के अन्य देशों में विविधता में एकता की तलाश करते लेखक और चिन्तक अपूर्वानंद अपने साप्ताहिक कालम में।
देश को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया गया है तो फिर सरकारी संस्थाओं में धार्मिक आधार पर भेदभाव क्यों? क्या संवैधानिक कृत्यों का निर्वहन धार्मिक दरवाजों से किया जा सकता है?
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के भारत को लेकर विचार पर क्यों हमला किया? क्या बीजेपी और आरएसएस समावेशी भारत की बात नहीं करते हैं? जानिए, संवैधानिक संस्थाओं को लेकर उन्होंने क्या कहा।
जब भी हिंदू-मुसलिम दंगे होते हैं तब सबसे पीड़ादायक होते हैं विदेश में रहने वाले मित्रों और रिश्तेदारों के संदेश। जब पाकिस्तान के हमारे रिश्तेदार हमसे पूछते हैं- भैया, आप सब लोग सुरक्षित हो- तब इससे ज़्यादा तकलीफ़देह बात और कुछ नहीं हो सकती।