रेखा जैन का हिंदी भाषी इलाके में बाल रंगमंच  के क्षेत्र में एक बड़ा योगदान रहा। पिछले हफ्ते इंडिया इंटरनेशलन सेंटर में एक कार्यक्रम में कर्नाटक और महाराष्ट्र के दो बालरंगमंच विशेषज्ञों केजी कृष्णमूर्ति औऱ श्रीरंग गोडबोले अपने अपने काम के सिलसिले में रेखा जी के योगदान और बाल रंगमंच के कई पहलुओं को रेखांकित किया। रंगमंच अध्येता महेश आनंद ने अपने संस्मरण सुनाए और रंगकर्मी साजिदा शाजी ने अपने एक सहयोगी केयूर नंदानिया के साथ रेखा जी की पुस्तक `यादघर’ से कुछ अंशों के नाट्य-पाठ किए। इसी कड़ी में रजा फाउंडेशन  अगले सात और आठ अक्तूबर को दिल्ली के श्रीराम सेंटर में दो दिनों का एक नाट्य समारोह भी आयोजित कर रहा है।