राजा सरजीत सिंह दनकौर के रहने वाले थे। 1857 की क्रांति में दरियाव सिंह, इंदर सिंह, नत्था सिंह, रामबख्शसिंह- इन सबका महत्वपूर्ण योगदान है। ये सभी एक ही परिवार के थे और भाई थे। इनके पूर्वजों का संबंध हस्तिनापुर परीक्षितगढ़ की रियायत से था। परीक्षितगढ़ के राजा कदम सिंह क्रांति का नेतृत्व कर रहे थे इसीलिए दनकौर के सारे गुर्जर तन मन धन से 1857 की क्रांति में शामिल हुए। इनमें 2 लोगों का नाम सर्वाधिक आदर से लिया जाता है- पहला दरियाव सिंह नागर हैं। इन्होंने 14 मई 1857 को सिकंदराबाद को जीता और अंग्रेजों को सिकंदराबाद से भगा दिया, अंग्रेजों का खजाना और हथियार लूट कर क्रांति सेना की ताकत बढ़ाई।