देश के कई अन्य राज्यों की तरह ओडिशा में नाटक और रंगमंच की बहुत पुरानी परंपरा है। इतना समृद्ध कि भारतीय रंगमंच ने विश्व स्तर पर यदि रंगमंच का निर्यात किया है तो उसमें बड़ी भूमिका ओडिशा की है। चूंकि ओडिशा के कई जिलों में पहले तेलगु राजा भी हुआ करते थे इसलिए तेलगु रंगमंच वाले भी निर्यात पर दावा कर सकते हैं। मैं बात कर रहा हूं छाया - पुतली (जिसे अंग्रेजी में शायडो पपेट कहते हैं) नाटकों की।