जी-20 समूह की बैठक और बैठक के बाद वाह-वाही का खुमार अब उतर जाना चाहिए। इस आयोजन की कथित उपलब्धियों की पतवार पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में सरकारी पार्टी की वैतरणी पार करने के लिए नाकाफी है। जी -20 की बैठक से हमें यानी देश को क्या हासिल हुआ ये सब जल्द सामने आ जाएगा, और आना भी चाहिए क्योंकि सम्मेलन के समापन के बाद किसी ने भी देशी-विदेशी प्रेस-मीडिया के साथ कुछ भी साझा नहीं किया । आरोप है कि हमारी प्रचंड बहुमत वाली सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया। यदि ये सही है तो इससे बड़ी उपलब्धि इस सम्मेलन की क्या हो सकती है । हम दुनिया को ये बताने में कामयाब रहे कि प्रेस की आजादी को लेकर हम कितने उदार हैं ?