पितृसत्तात्मक भारतीय समाज में भी अब महिलाएँ आगे बढ़ रही हैं! स्कूलों में लड़कियों का नामांकन बढ़ रहा है। यही पितृसत्तात्मक समाज लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देता दिख रहा है। आज ही एएसईआर की रिपोर्ट आई है जिसमें पता चलता है कि लड़कियों का ड्रॉप आउट यानी बीच में स्कूल छोड़ने वाली लड़कियों की संख्या भी कम हो रही है। तो सवाल है कि क्या पितृसत्तात्मक भारतीय समाज अब बदल गया है? क्या महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान-हक़ मिलने लगा है? क्या महिलाओं के सामने लिंग भेद जैसी विषमता अब नहीं रही?