“जब भी ये दिल उदास होता है
गुलज़ार से वो मुलाकात, जो एहसास बन गई!
- विविध
- |
- |
- 18 Aug, 2023

मशहूर गीतकार, फिल्ममेकर और शायर गुलजार का शुक्रवार को 89वां बर्थडे है। जानिए 18 अगस्त 1934 को जन्मे गुलजार को कैसे याद करते हैं रमन हितकारी।
जाने कौन आस-पास होता है”
आज गुलज़ार की सालगिरह है। गुलज़ार साहब से हमारी बस तीन बार की ही मुलाक़ातें हैं। आख़िरी मुलाक़ात 2014 की है। गुलज़ार साहब से सबसे यादगार मुलाक़ात सन 2000 की है जब बीबीसी और दूरदर्शन के एक ज्वाइंट प्रोजेक्ट में हम लोग तीन चार दिनों तक दिल्ली के एम्बैसेडर होटल में थे। दूरदर्शन के साथ बीबीसी ने एक साल भर का एंटी लेपोरेसी प्रोजेक्ट किया था जिसका मक़सद सोशल एडवरटाईजिंग के ज़रिए समाज में लेपोरेसी यानी कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियों और स्टिगमा को दूर करना था।
लखनऊ में शुरुआती बैठकों के बाद हम लोगों को दिल्ली कुछ रियल लाईफ़ स्टोरीज़ लेकर आने को कहा गया और इन स्टोरीज़ पर ब्रेन स्टार्मिंग के लिए बीबीसी ने एड गुरु एलिक पदमसी और गुलज़ार साहब को इंवाल्व किया। कैम्पेन के तहत हम लोगों को सोशल एडवरटाईजिंग के ज़रिए स्पाट्स बनाने थे और एक रियल लाईफ़ केस स्टडी पर टेलीफ़िल्म। टेलीफ़िल्म के लिए हमने लखनऊ केजीएमसी मेडिकल कॉलेज की एक नर्स की कहानी ली थी।