loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

जीत

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

त्रिपुरा हिंसा: मंत्री बोले- लोगों को भड़का रही थीं महिला पत्रकार

त्रिपुरा में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को कवर करने वहां गई दो महिला पत्रकारों के मामले में राज्य की बीजेपी सरकार का बयान आया है। राज्य सरकार का कहना है कि ये दोनों लोगों को सरकार के ख़िलाफ़ भड़का रही थीं। इनके नाम समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा हैं। दोनों के ख़िलाफ़ त्रिपुरा की पुलिस ने सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का मुक़दमा दर्ज किया था और बीते रविवार को उन्हें हिरासत में ले लिया था। 

इन दोनों महिला पत्रकारों को सोमवार शाम को जमानत मिल गई थी। अदालत ने कहा था कि हालांकि इन पर लगे आरोप गंभीर हैं लेकिन उन्हें हिरासत में रखना “व्यक्तिगत आज़ादी में बहुत ज़्यादा कटौती करने” जैसा होगा। 

त्रिपुरा सरकार के मंत्री सुशांता चौधरी ने कहा कि ये दोनों महिला पत्रकार लोगों को सत्तारूढ़ दल के ख़िलाफ़ भड़का रही थीं। वे दोनों एक धर्म के लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रही थीं। 

ताज़ा ख़बरें

उन्होंने कहा, “अगर वे न्यूज़ कवर करने के लिए आई थीं तो लोगों को उकसाने और भड़काने का क्या मतलब है। महाराष्ट्र के अमरावती में क्या हुआ, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को रास्ते में निकाला गया, इन्हीं पत्रकारों ने उन्हें निकाला।” चौधरी ने कुछ दिन पहले भी कहा था कि कुछ बाहरी लोगों ने अपने फ़ायदे के लिए सोशल मीडिया पर मसजिद जलाने के फर्जी फ़ोटो अपलोड किए। 

त्रिपुरा पुलिस की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि समृद्धि सकुनिया की ओर से की गई पोस्ट कि क़ुरान को जलाया गया, यह सच नहीं थी और दोनों समुदायों के बीच नफ़रत को बढ़ावा देने वाली थी। इसके बाद पुलिस ने इन दोनों को पूछताछ के लिए अगरतला बुलाया था। 

त्रिपुरा से और ख़बरें

इन दोनों का कहना था कि जब वे एयरपोर्ट जा रही थीं तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। उन्होंने पुलिस पर उन्हें डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया था। दोनों महिला पत्रकार HW News Network के साथ काम करती हैं। 

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने दोनों महिला पत्रकारों के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई को लेकर कड़ा एतराज जताया था और उन्हें तुरंत रिहा करने की मांग की थी। 

त्रिपुरा हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट्स करने पर कई लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर यूएपीए लगा दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द ही सुनवाई करने जा रहा है।

फ़ेक न्यूज़ फैलाने का आरोप 

त्रिपुरा पुलिस की ओर से दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि पत्रकार श्याम मीरा सिंह और अन्य लोगों ने फ़ेक न्यूज़ फैलाई और आपत्तिजनक कंटेंट को शेयर किया जबकि राज्य सरकार ने किसी भी मसजिद में तोड़फोड़ के आरोपों और स्थानीय मुसलिम समुदाय पर हमले के आरोपों को खारिज कर दिया था। 

विहिप की रैली 

त्रिपुरा के पानीसागर और कुछ अन्य इलाक़ों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर ख़ासी बहस हुई थी। हिंसा की ये घटनाएं पानीसागर के साथ ही ऊनाकोटी और सिपाहीजाला जिलों में भी हुई थीं। हिंसा की ये घटनाएं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की रैली के बाद हुई थीं। विहिप ने यह रैली बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा के पंडालों पर हुए हमलों के विरोध में 26 अक्टूबर को निकाली थी। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

त्रिपुरा से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें