विकास दुबे मुठभेड़ को लेकर यूपी पुलिस पर उठने वाले सारे सवाल अब दफ़्न हो जाएँगे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जाँच आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीचिट दे दी है। इसने कहा है कि किसी ने एक सबूत भी पेश नहीं किया।
कुख्यात बदमाश विकास दुबे आख़िर कैसे कानपुर से फरीदाबाद और फिर उज्जैन पहुंच गया। क्या किसी ने उसकी जांच नहीं की? आख़िर कैसे पता चलेगा कि उसका ‘मददगार’ कौन है।
विकास दुबे पिछले सप्ताह तब देश और दुनिया भर में मीडिया की सुर्खी बना था जब कानपुर में उसे पकड़ने गए पुलिस दल पर उसने और उसके साथी बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं थीं।
उत्तर प्रदेश का कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे आख़िरकार पकड़ा गया। रिपोर्टों के अनुसार उत्तर प्रदेश के सरकारी सूत्रों के अनुसार उसे मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ़्तार किया गया है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के दो सहयोगी गुरुवार सुबह अलग-अलग मुठभेड़ में मारे गए हैं। इन दोनों में से एक तो हिरासत में था और पुलिस के अनुसार भागने की कोशिश में मारा गया, जबकि दूसरे के साथ पुलिस की आमने-सामने की मुठभेड़ हुई।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का एक और सहयोगी श्यामू बाजपेयी मुठभेड़ के बाद कानपुर में गिरफ़्तार कर लिया गया। इससे पहले उसका एक सहयोगी हमीरपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है।