हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का एक और सहयोगी श्यामू बाजपेयी मुठभेड़ के बाद कानपुर में गिरफ़्तार कर लिया गया। इससे पहले उसका एक सहयोगी अमर दुबे लखनऊ से क़रीब 150 किलोमीटर दूर हमीरपुर ज़िले में पुलिस मुठभेड़ में बुधवार तड़के ही मारा गया है। इधर विकास दुबे भी मंगलवार को फरीदाबाद के एक होटल में दिखा था, लेकिन पुलिस के पहुँचने से पहले ही वह भाग गया। पिछले कुछ घंटों में एक के बाद एक आ रही ऐसी ख़बरों से लगता है कि पुलिस धीरे-धीरे विकास दुबे के गुर्गों तक तो पहुँच रही है, लेकिन विकास दुबे अभी भी पकड़ से दूर है। अब तक कई रिपोर्टें रही हैं कि विकास दुबे के कई नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं।
जिस तरह से विकास दुबे के गैंग ने पुलिसकर्मियों की बर्बरता से हत्या की है उससे सरकार और पुलिस पर भी कार्रवाई का दबाव काफ़ी ज़्यादा है। इसी बीच की जा रही कार्रवाई में पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान विकास दुबे के सहयोगी श्यामू बाजपेयी को कानपुर से गिरफ़्तार किया है। श्यामू पर 25 हज़ार रुपये का इनाम घोषित था।
क़रीब एक हफ़्ते पहले घात लगाकर किए गए हमले में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से ही विकास दुबे और उसके गैंग के सहयोगी फरार हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानी एसटीएफ़ उनको तलाशने में जगह-जगह दबिश दे रही है। इसी बीच पुलिस को श्यामू बाजपेयी के कानपुर में होने के बारे में जानकारी मिली और इसने कार्रवाई की।
इससे पहले ख़बर आई कि विकास दुबे का क़रीबी सहयोगी अमर दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इस पर भी 25,000 रुपये का इनाम था। 'हिंदुस्तान टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (क़ानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, 'सहयोगी अमर दुबे कानपुर घटना में सह-अभियुक्त था और बुधवार सुबह मारा गया।' उन्होंने आगे कहा कि हमीरपुर में स्थानीय पुलिस इकाई के समन्वय से एसटीएफ़ ने यह कार्रवाई की।
बता दें कि कानपुर देहात के बिकरू गाँव में गुरुवार देर रात को हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था। इसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। शहीद होने वालों में डिप्टी एसपी और बिल्होर के सर्किल अफ़सर देवेंद्र मिश्रा, स्टेशन अफ़सर शिवराजपुर महेश यादव भी शामिल थे। दो सब इंस्पेक्टर और चार सिपाही भी शहीद हुए हैं। इसके अलावा सात पुलिस कर्मी घायल हुए थे।
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