तालाबंदी के दौरान जो करोड़ों मज़दूर अपने गाँव लौट गए थे, उन्हें रोज़गार देने के लिए सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार योजना (मनरेगा) में जान डाल दी थी। सरकार ने लगभग 4.5 करोड़ परिवारों की दाल-रोटी का इंतजाम कर दिया था। लेकिन इस योजना की तीन बड़ी सीमाएं हैं।