कुख्यात विकास दुबे के सरेंडर/गिरफ्तारी के बाद खुद को शाबासी दे रही यूपी पुलिस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि आखिर यह शातिर अपराधी वारदात के बाद दो दिन तक कैसे कानपुर में ही रहा और फिर चंबल के रास्ते उज्जैन कैसे निकल गया। फरीदाबाद में विकास के छिपे रहने की ख़बर में क्या सच्चाई है? फरीदाबाद में विकास को शरण देने के अपराध में जिसे पकड़ा गया और मुडभेड़ में मार दिया गया उसकी क्या सच्चाई है?, इन अहम सवालों का जवाब मिलना अभी बाकी है।