कानपुर के बिकरू में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गैंग द्वारा जिस तरह आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की गई वैसा हमला यूपी में शायद पहले कभी नहीं हुआ! ऑटोप्सी रिपोर्ट में पता चला है कि सिर धड़ से अलग कर दिया गया, पैरों की अंगुलियाँ काट दी गईं, शरीर को क्षत-विक्षत किया गया। एक और बात कि जिस तरह से रात में रास्ते को रोक कर घात लगाकर गुरिल्ला हमला किया गया, ऐसा उत्तर प्रदेश में माफ़िया या गुंडे नहीं करते रहे हैं। यह पूरा हमला और सर को धड़ से अलग करने की प्रवृत्ति माओवादियों में दिखती रही है। पुलिस भी इस बात को मानती है। हालाँकि इस बारे में सबूत नहीं मिले हैं कि विकास दुबे के माओवादियों से संपर्क हैं या नहीं।