धारा 370 के निरस्त होने के पांच साल बाद, कश्मीर एक चौराहे पर खड़ा है, जहां आशा, चुनौतियों और बदलाव की जटिल प्रक्रिया चल रही है। जम्मू कश्मीर सिर्फ जम्मू और श्रीनगर तक सीमित नहीं है। वहां गांव भी हैं। अगर यह बदलाव जम्मू कश्मीर के ग्रामीण इलाकों में नहीं दिख रहा है तो ये फिर कैसा बदलाव है।
जम्मू में आतंकवाद बढ़ रहा है। सिर्फ जुलाई में 12 जवान औऱ अधिकारी मारे जा चुके हैं। यह बात अब पूरी तरह साफ हो गई है कि जम्मू के नए इलाकों में आतंकवाद बढ़ाने के पीछे पाकिस्तानी सेना और वहां के सुरक्षा बल हैं। हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सक्रिय एक एक्टिविस्ट ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करके बता दिया कि किस तरह पाकिस्तानी सेना के अधिकारी जम्मू में आतंकियों को भेज रहे हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्टः
दो हथियारबंद आतंकी बीती शाम को ऊपरी डांगरी गांव में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने फायरिंग करने से पहले लोगों से उनका आधार कार्ड दिखाने के लिए भी कहा था।
आतंकियों ने ट्रक से सुरक्षा बलों पर फायरिंग की जिसका भारतीय सुरक्षा बलों की ओर से मुंह तोड़ जवाब दिया गया। ट्रक का ड्राइवर तो फरार हो गया लेकिन मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया।
जम्मू कश्मीर में अन्य राज्य के लोगों को मतदान का अधिकार देने पर आतंकी संगठनों ने धमकी देना शुरू कर दिया है। उन्होंने धमकी दी है कि वे ऐसा नहीं होने देंगे और अन्य राज्य के लोगों को हमारे विरोध का सामना करना होगा। राज्य के राजनीतिक दलों ने भी बाहरी राज्य के लोगों को यहां वोट का अधिकार देने का विरोध किया है।
जम्मू कश्मीर में आख़िर आतंकवादी हमले रुक क्यों नहीं रहे हैं? एक के बाद एक क्यों लोगों को निशाना बनाया जा रहा है? एक घंटे के भीतर आतंकवादियों ने तीन लोगों को मार डाला।
कुछ रिपोर्टें हैं कि जम्मू कश्मीर में हाल में आतंकवादी गतिविधियाँ बढ़ गई हैं? क्या यह सब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के कब्जे का असर है? क्या तालिबान और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी में गहरे संबंधों का नतीजा है?
सुरक्षा बलों ने रविवार को घुसपैठ की कोशिश रोकने के तहत कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास बड़ी कार्रवाई की, जिसमें तीन आतंकवादी मारे गए और एक सैनिक शहीद हो गया।
सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पास एक मुठभेड़ में आतंकवादी संगठन हिज़बुल मुजाहिदीन के स्थानीय कमांडर सैफुल्लाह को मार गिराया है। राज्य पुलिस ने कहा है कि यह उनकी बड़ी कामयाबी है।
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों ने भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी है, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। इससे राज्यपाल के प्रशासन पर तो सवाल उठता ही है, यह प्रश्न भी उठता है कि बीजेपी आतंकवादियों के निशाने पर क्यों हैं।
ऐसे समय जब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान ने सरकार पर हमले रोक दिए हैं और भारत-चीन सीमा तनाव चरम पर है, पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की नई रणनीति तैयार की है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के पुराने दिन एक बार फिर लौट रहे हैं। गुरुवार की शाम संदिग्ध आतंकवादियों ने श्रीनगर में एक वकील को गोली मार दी, जिन्हें अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।