माछिल में मुठभेड़
सीमा सुरक्षा बल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि माछिल सेक्टर में यह आतंकवाद- विरोधी चलाया गया था। नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों के एक दल ने सीमा पार कर अंदर घुसने की कोशिश की, जिसे रोकने के लिए बीएसएफ़ ने गोलियाँ चलाईं। इस पर ज़ोरदार मुठभेड़ हुई, जिसमें तीन आतंकवादी मारे गए। सेना और बीएसएफ़ ने मिल कर यह अभियान चलाया था।एक बार फिर मुठभेड़ हुई, इसमें सेना के एक अफ़सर और दो सैनिक शहीद हो गए। इस तरह एक दिन में कुल मिला कर 7 लोग मारे गए, जिसनमें तीन आतंकवादी, तीन सैनिक और एक अफ़सर शमिल हैं।
बढ़ता आतंकवाद
पिछले कुछ समय से नियंत्रण रेखा पर गतिविधियाँ बढ़ी हुई हैं और माछिल सेक्टर से घुसपैठ की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें यह सूचना मिली थी कि आतंकवादियों की एक टोली नियंत्रण रेखा पार कर घुसने की कोशिश करेगी। सेना की गश्त लगा रही टुकड़ी को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद बीएसएफ़ के साथ मिल कर यह अभियान छेड़ा गया।अनंतनाग
लेकिन यह अकेली वारदात नहीं है। इसके दो दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। इनमें हिज़बुल मुजाहिदीन का स्थानीय कमांडर भी था। इसे सुरक्षा बलों की एक बड़ी जीत माना जाता है। यह आतंकवादी गुट पाकिस्तान से काम करता है।शोपियाँ
इसके भी पहले जून में जम्मू-कश्मीर के शोपियाँ में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए। पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि मारे गए लोग पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट हिज़बुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के थे। एक हफ़्ते से भी कम समय में कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के साथ यह तीसरी मुठभेड़ है, मारे गए आतंकवादियों की संख्या 12 हो गई है।पुलवामा
इसके पहले पुलवामा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 3 आतंकवादी मारे गए। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बल का एक जवान ज़ख़्मी हो गया। सेना, राज्य पुलिस और केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के साझा अभियान में जो तीन आतंकवादी मारे गए, वे सभी जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े हुए थे।
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