विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ अब हिंदू देवी-देवता पर बयान को लेकर कार्रवाई की जाएगी। जानिए, यह कार्रवाई किस बात के लिए की जा रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी छोड़ने के जो कयास पिछले कुछ हफ्तों से लगाए जा रहे थे, अब उसको लेकर उन्होंने खुद घोषणा की है। जानिए, उनकी अब आगे क्या योजना है।
यूपी की राजनीति में अब सभी की नजरें समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर है। नाराज स्वामी प्रसाद मौर्य ने अलग पार्टी बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। सपा के वरिष्ठ नेता सोमवार को उन्हें मनाने उनके घर पहुंचे। दूसरी तरफ बदायूं से पांच बार सांसद रहे सलीम शेरवानी ने मुस्लिम मुद्दे पर अखिलेश का घेरा। महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले पल्लवी पटेल का गुस्सा सामने आ ही चुका है। अखिलेश किस तरह घिर गए हैं, जानिएः
लखनऊ में सोमवार 21 अगस्त को सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता उछाला गया लेकिन उन्हें लगा नहीं। आरोपी ओबीसी समुदाय से है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
समाजवादी पार्टी दलित वोट बैंक की तरफ रुख कर रही है। दलितों की मौजूदा समय में नेता मायावती की राजनीति की वजह से दलित अब अन्य पार्टियों में जा रहे हैं। बीजेपी से काफी तादाद में दलित जुड़ चुके हैं। लेकिन जो दलित बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहते हैं, वो भी सहारा तलाश रहे हैं। ऐसे में सपा की पहल रंग ला सकती है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य 24 फरवरी को इस अभियान की शुरुआत करेंगे। ओबीसी के मौर्य समुदाय से आने वाले नेता स्वामी प्रसाद इस अभियान का जरूरी हिस्सा बताए जा रहे हैं।
यूपी में बहुजन की राजनीति फिर गर्मा गई है. पिछड़ों के दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर कल एक पांच सितारा होटल में उस समय हमला हुआ जब वे एक चैनल के कार्यक्रम में गए थे. हमला करने वाले भी साधू संत हैं. क्या यूपी में पिछड़ों की गोलबंदी तेज हो रही है? आज की जनादेश चर्चा.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कल बुधवार को होटल में महंत राजूदास और उनके समर्थकों के बीच मारपीट को ओबीसी बनाम सवर्ण मुद्दा बना दिया है। उनका कहना है कि बीजेपी वाले मेरी हत्या की साजिश रच रहे हैं। यह सब तब से हो रहा है जब से मैंने राम चरित मानस की दलित और महिला विरोधी चौपाई की निन्दा की है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । दो महीने में भारत बन सकता है दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश । चीन सीमा पर ITBP के 9,000 और जवानों को शामिल करने की मंजूरी
रामचरितमानस पर टिप्पणी से शुरू हुआ मामला अब हिंसा तक पहुँच चुका है। जानिए, आख़िर क्यों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और संत राजू दास परमहंस में कथित हाथापाई हो गई।
जाति व्यवस्था को लेकर मोहन भागवत के बयान से क्या स्वामी प्रसाद मौर्य को ताक़त मिली है? जानिए उन्होंने खुद को शूद्र बताते हुए भागवत को क्या चुनौती दे दी।
यूपी में समाजवादी पार्टी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी और राम चरित मानस के मुद्दे पर बीजेपी और आरएसएस को घेर लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जहां भागवत से स्पष्टीकरण मांगा, वही स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम चरित मानस से शूद्र वाली लाइन हटाने की मांग आज सोमवार को फिर दोहराई। दूसरी तरफ यूपी पुलिस राम चरित मानस का कथित तौर पर अपमान करने वालों पर धड़ाधड़ एनएसए लगा रही है। बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई की मांग की है।
र्ज कराई गई एफआईआर में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह लोधी, सत्येंद्र कुशवाहा, महेंद्र प्रताप यादव, सुजीत यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, संतोष वर्मा और मोहम्मद सलीम को नामजद किया गया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव शनिवार को एक यज्ञ में पहुंचे और रामचरित मानस पर अपने एमएलसी स्वामी प्रसाद को क्लीन चिट भी देते नजर आए। अखिलेश की राजनीति आज के घटनाक्रम से साफ हो गई। उन्होंने मौर्य से जाति जनगणना पर आंदोलन शुरू करने को कहा।
रामचरित मानस पर कथित तौर पर टिप्पणी करने वाले सपा एमएलसी और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लखनऊ के हजरत थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। अखिलेश ने सारे मामले में चुप्पी साध रखी है।