यूपी के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों और महंत राजू दास के बीच मारपीट को मौर्य ने मुद्दा बना दिया है। उन्होंने इसे पिछड़ों और दलितों के सम्मान से जोड़ दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने बुधवार की घटना के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी भी लिखी है जो खुद को ओबीसी नेता बताते हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य की PM को चिट्ठी, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूछा- सिर काटने की धमकी देने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं#SwamiPrasadMaurya #RajuDas #Fight #RamcharitManas pic.twitter.com/4Nl2aO0i56
— Zee News (@ZeeNews) February 16, 2023
सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि साधु-संतों के कपड़ों में ये आतंकी चेहरे हैं। सरकार को इनका संज्ञान लेकर खुद कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसी का नतीजा है कि महंत राजू दास ने मुझ पर तलवार से हमला किया। इन सभी घटनाओं के वीडियो हैं।
स्वामी ने कहा कि कल टीवी चैनल के कार्यक्रम में ऐसे लोग मौजूद थे, जिन्होंने मेरी हत्या के बदले 21 लाख की सुपारी दी थी। वो लोग फरसा और तलवार लेकर आए थे। मैंने टीवी कार्यक्रम के आयोजकों को महंत राजू के चेलों के हथियार लेकर आने को लेकर बता दिया था। राजू दास लगातार ट्वीट कर रहा था। राकेश दीक्षित नामक हिन्दू नेता ने धमकियां दीं, मेरा मुंह काला करने की बात कही। ताज होटल, जहां टीवी वालों ने कार्यक्रम रखा था, मैं जब पहुंचा तो वहां सीएम और डिप्टी सीएम मौजूद थे। लेकिन वहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। मतलब साफ है, अगर महंत राजू दास पर कार्रवाई नहीं होती है तो बीजेपी सरकार का ऐसे गुंडों को संरक्षण मिला हुआ है। लेकिन मैं पीछे नहीं हटूंगा, चाहे मेरी जान चली जाए। पिछड़ों और दलितों का अपमान सहन नहीं कर सकता।
सपा नेता मौर्य ने कहा कि महंत राजू दास के हथियारबंद गुंडों ने जब जयश्रीराम के नारे लगाए तो हमारे समर्थकों ने जय संविधान का नारा दिया। मैं साधु-संतों का सम्मान करता हूं लेकिन भगवा की आड़ में छिपे गुंडों और भेड़ियों का सम्मान नहीं करता हूं। जिस तरह देश में दलितों और पिछड़ों के साथ बदसलूकी की जा रही है, वो सिर्फ कानून व्यवस्था का मामला नहीं है। यह टारगेट करके किया जा रहा है।
बता दें एक कार्यक्रम में न्यूज चैनल आजतक पर मौर्य ने पिछले महीने कहा था, 'कोई करोड़ लोग इसको नहीं पढ़ते। सब बकवास है। ये तुलसीदास ने अपनी तारीफ़ और खुशी के लिए लिखा है। धर्म हो, हम उसका स्वागत करते हैं। पर धर्म के नाम पर गाली क्यों? दलित को, आदिवासियों को, पिछड़ों को जाति के नाम पर शूद्र कह करके, क्यों गाली दे रहे हैं? क्या गाली देना धर्म है?'
मौर्य ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा- मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। लेकिन अगर धर्म के नाम पर किसी समुदाय या जाति को अपमानित किया जाता है तो यह आपत्तिजनक है। मौर्य ने जो बातें कहीं है, बिहार के मंत्री चंद्रशेखर ने भी लगभग वही बातें कहीं हैं।
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