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रामचरित मानसः स्वामी प्रसाद मौर्य पर FIR, अखिलेश चुप

समाजवादी पार्टी के एमएलसी और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ रामचरित मानस पर कथित तौर पर विवादित बयान देने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है। लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में यह शिकायत ऐशबाग निवासी शिवेंद्र मिश्र ने दी थी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने एक्शन लिया है। बिहार के बाद यूपी से मौर्य अकेले नेता हैं, जिन्होंने इस मुद्दे पर बयान दिया था।

बीजेपी की तरफ झुकाव दिखाने वाले सुहेलदेव पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी आज मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य पर कथित विवादित के लिए हमला बोला था। उन्होंने मंगलवार को बस्ती में कहा कि अखिलेश यादव मौर्य को फौरन पार्टी से बाहर निकालें। राजभर और मौर्य दोनों ही पिछड़ों की राजनीति करते हैं और एक दूसरे को सख्त नापसंद करते हैं। 

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इस बीच मौर्य के बयान को लेकर पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से भी शिकायत की गई लेकिन उन्होंने इस मामले में रहस्यमय चुप्पी साधी हुई है। 

हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि कुमार त्रिवेदी ने भी हजरतगंज थाने में शिकायत पत्र कल सोमवार को दिया था। पत्र में हिन्दू महासभा ने कहा है कि मौर्य के हिंदू धर्मग्रंथ की आलोचना करने और उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाले बयान से लाखों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है। सभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि यह बयान लोगों को जाति के आधार पर बांटने और समाज में वैमनस्य पैदा करने की कोशिश है।

पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने गोस्वामी तुस्लीदास द्वारा लिखित महाकाव्य रामचरितमानस में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के लिए "आपत्तिजनक भाषा" कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया था। उनका बयान रविवार को सामने आया था। न्यूज चैनल आजतक पर मौर्य ने कहा था, कोई करोड़ लोग इसको नहीं पढ़ते। मौर्य ने कहा था- 

सब बकवास है। ये तुलसीदास ने अपनी तारीफ और खुशी के लिए लिखा है। धर्म हो, हम उसका स्वागत करते हैं। पर धर्म के नाम पर गली क्यों? दलित को, आदिवासियों को, पिछड़ों को जाति के नाम पर। शूद्र कह कर के, क्यों गली दे रहे हैं? क्या गली देना धर्म है?


-स्वामी प्रसाद मौर्य, पूर्व मंत्री और सपा नेता, 22 जनवरी 2023 आजतक चैनल पर

सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा की गई टिप्पणी, बिहार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता चंद्रशेखर द्वारा की गई इसी तरह की टिप्पणियों के बाद आई थी। मौर्य ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा- मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। लेकिन अगर धर्म के नाम पर किसी समुदाय या जाति को अपमानित किया जाता है तो यह आपत्तिजनक है। मौर्य ने जो बातें कहीं है, बिहार के मंत्री चंद्रशेखर ने भी लगभग वही बातें कहीं हैं।

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बीजेपी ने मौर्य के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। बीजेपी ने कहा, जब स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी में थे, तब हमने उनसे इस तरह के बयान कभी नहीं सुने। सपा में आने के बाद से उन्होंने हिंदुओं का अपमान करना शुरू कर दिया है जो सपा के एजेंडे में है। वह समाज को बांटने के लिए रामचरितमानस का विरोध कर रहे हैं। सपा को इसके परिणाम भुगतने होंगे।

बता दें कि बिहार में चंद्रशेखर का आरजेपी नेता तेजस्वी यादव ने बचाव किया था लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश ने अप्रत्यक्ष रूप से नाराजगी जता दी थी। देखना है कि अखिलेश क्या करते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य बीएसपी में प्रभावशाली नेता थे। बीएसपी के बाद वो बीजेपी में चले गए थे। लेकिन जब बीजेपी में उनकी नहीं चली तो वो सपा में चले आए।
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क़मर वहीद नक़वी
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