महाराष्ट्र में भले ही बीजेपी, शिंद की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी गठबंधन तय होने की बात पहले से ही कहते रहे हैं, लेकिन क्या गठबंधन में अंदरुनी घमासान नहीं मचा है? जानिए, माहीम सीट पर अजीबोगरीब स्थिति क्यों।
लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद जब लग रहा था कि हैकिंग का विवाद ख़त्म हो गया है तो फिर से यह उठ खड़ा हुआ। जानिए, पहले से कहीं ज़्यादा गंभीर मामला क्यों लगता है और चुनाव आयोग ने क्या दी सफाई।
शिवसेना में अयोग्यता का मामला अभी ख़त्म नहीं हुआ है। महाराष्ट्र के स्पीकर ने भले ही इस मामले को रफा-दफा कर दिया है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में इसपर सुनवाई अभी बाक़ी है। जानिए, अब अदालत में क्या हुआ है।
महाराष्ट्र की एनसीपी के दोनों गुटों ने अब दावा किया है कि उनके बीच या पार्टी के अंदर कोई फूट नहीं है। शरद पवार और अजित पवार गुट के इस दावे ने राजनीतिक विश्लेषकों को चौंकाने का काम किया है।
शिवसेना में विद्रोह के बाद विधायकों की अयोग्यता का मामला आख़िर इतने समय तक क्यों लटका है? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के स्पीकर पर क्या टिप्पणी की।
सजंय राउत ने कहा कि 'महाराष्ट्र में शिंदे-फडणवीस सरकार का डेथ वारंट जारी हो चुका है, सिर्फ तारीख का ऐलान होना बाकी है। राउत ने पहले ही कहा था कि शिंदे सरकार फरवरी में गिर जाएगी, लेकिन उनके मुताबिक़ सुप्रीम कोर्ट के फैसले में देरी के कारण इस सरकार की लाइफलाइन बढ़ गई।
चुनाव आयोग द्वारा पार्टी का नाम और उसके चुनाव चिह्न उद्धव ठाकरे खेमे से छीन लिए जाने पर पार्टी के मुखपत्र सामना में संपादकीय छपा है। जानिए इसमें अमित शाह को क्यों महाराष्ट्र का दुश्मन बताया गया है?
शिंदे गुट को असली शिवसेना घोषित करने से किसको फ़ायदा होगा? महाराष्ट्र की जनता चुनाव आयोग के फ़ैसले को किस तरह से लेगी? क्या वह शिंदे को बाल ठाकरे की विरासत का हक़दार स्वीकार कर लेगी? उद्धव ठाकरे क्या करेंगे? क्या वे खुद को असली शिवसेना साबित कर पाएंगे? क्या चुनाव आयोग के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे?
चुनाव आयोग ने शिवसेना पार्टी के नाम और पार्टी के चुनाव चिन्ह धनुष बाण पर फैसला सुनाते हुए कहा है कि तमाम साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर यह तय होता है कि शिवसेना के असली मालिकाना हक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । असली शिवसेना किसकी: उद्धव को सुप्रीम कोर्ट से झटका। CJI के बेटे को UP सरकार के सीनियर पैनल एडवोकेट के रूप में नियुक्त को टाला गया
शिवाजी पार्क मैदान पर दशहरा रैली आयोजित करने के लिए एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से भी आवेदन किया गया था लेकिन उद्धव ठाकरे द्वारा इसी मैदान पर रैली करने के लिए अड़े रहने पर अभी तक बीएमसी की तरफ से किसी भी गुट को इजाजत नहीं दी गई है।