‘शिवसेना’ नाम और चुनाव चिह्न खरीदने के बाद भारतीय जनता पार्टी की कमली पैर का घुंघरू टूटने तक नाच रही है। मिंधे गुट से ज्यादा खुश भारतीय जनता पार्टी नजर आ रही है। किसी दुकान से चना-मूंगफली खरीद ली गई हो, उस तरह से शिवसेना नाम और चुनाव चिह्न के मामले का ‘फैसला’ भी खरीद लिया गया है, अब यह बात छिपी नहीं है। किसी प्रॉपर्टी का सौदा किया जाए, उस तरह से चुनाव आयोग ने ठाकरे द्वारा स्थापित, जतन की गई शिवसेना को दिल्ली के तलवे चाटने के लिए मिंधों के हाथ दे दी। गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र आए और उन्होंने मिंधों को शिवसेना-धनुष बाण मिलने पर खुशी व्यक्त की। मिंधों को धनुष-बाण का चिह्न मिला, वह इन्हीं अमित शाह की मेहरबानी से, क्या अब यह छिपा है? ये इंसान महाराष्ट्र और मराठी लोगों का नंबर एक शत्रु है। इसलिए जो भी श्रीमान शाह के पीछे पड़कर अपनी राजनीतिक खुजली मिटाना चाहते हैं, उन सभी को क्या महाराष्ट्र का दुश्मन मानना पड़ेगा।