महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के एक आदेश पर विवाद हो गया है। साकीनाका निर्भया बलात्कार केस के बाद उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र पुलिस के साथ हुई बैठक में परप्रांतीय लोगों का ब्योरा मांगा था। आदेश में उद्धव ठाकरे की ओर से कहा गया था कि महाराष्ट्र में आने जाने वालों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इसके बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के ज़रिये हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर पैटर्न ने महाराष्ट्र में कितनी गंदगी फैला रखी है ये साकीनाका निर्भया केस से साफ़ हो जाता है। शिवसेना के इस बयान के बाद लगता है कि अब एक बार फिर से शिवसेना बनाम उत्तर भारतीय की लड़ाई की शुरुआत हो गयी है।
दरअसल, मुंबई के साकीनाका में बीते शुक्रवार को एक 34 वर्षीय महिला के साथ बलात्कार हुआ था और दिल्ली की निर्भया की तरह उसके साथ दरिंदगी की गई थी जिसके बाद अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गयी थी। उसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सोमवार को महाराष्ट्र के डीजीपी, पुलिस कमिश्नर और गृहमंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। तभी उद्धव ने बैठक में अधिकारियों से कहा कि महाराष्ट्र में आने वाले हर परप्रांतीय की जानकारी होनी चाहिए ताकि पता लग सके कि कितने लोग मुंबई सहित महाराष्ट्र में आये।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह आदेश बैठक तक ही सीमित नहीं रहा। इसके बाद उनके इस आदेश को तमाम पुलिस स्टेशनों को भी भेज दिया गया। इस आदेश में कहा गया कि मुंबई पुलिस के थानों को दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की जानकारी रखनी चाहिए। ये लोग कहाँ से आ रहे हैं और कहाँ जा रहे हैं इस बारे में भी पुलिस को सूचना रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का यह आदेश जैसे ही विपक्षी दलों तक पहुँचा उन्होंने फौरन ही ठाकरे के इस आदेश को समाज को तोड़ने वाला बताया।
दरअसल, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह बयान मुंबई के साकीनाका में हुए महिला के बलात्कार के संदर्भ में दिया था। क्योंकि उस मामले में आरोपी उत्तर प्रदेश के जौनपुर का रहने वाला था। शिवसेना का उत्तर भारतीयों पर किया गया है यह हमला यहीं नहीं रुका। शिवसेना ने सामना के ज़रिए संपादकीय में लिखा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर पैटर्न ने महाराष्ट्र में कितनी गंदगी फैला रखी है ये साकीनाका निर्भया केस से साफ़ हो जाता है।
यह पहला मौक़ा नहीं है जब महाराष्ट्र की पार्टियों ने उत्तर भारतीयों को लेकर कोई टिप्पणी की हो। इससे पहले भी राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और शिवसेना उत्तर भारतीयों को लेकर कई बार राजनीति कर चुकी हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की शुरुआत ही उत्तर भारतीय लोगों की पिटाई किए जाने के बाद हुई थी।
उसके बाद शिवसेना ने भी कई मौक़ों पर उत्तर भारतीय लोगों के साथ मारपीट की थी। इसके बाद साकीनाका में निर्भया के साथ हुई दरिंदगी के बाद एक बार फिर से शिवसेना ने उत्तर भारतीयों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। महाराष्ट्र बीजेपी के उत्तर भारतीय नेता कृपाशंकर सिंह जौनपुर के रहने वाले हैं। कृपाशंकर ने ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र में किए गए दुराचार को जौनपुर पैटर्न बता कर उन्होंने पूरे उत्तर भारतीयों का अपमान किया है। कृपाशंकर का कहना है कि शायद उद्धव ठाकरे को यह पता नहीं है कि जौनपुर उत्तर प्रदेश का वह ज़िला है जिसके एक गाँव से 40 आईएएस और आईपीएस भी निकलते हैं। ऐसे में एक व्यक्ति द्वारा किया गया कोई कृत्य पूरे जौनपुर को बदनाम नहीं कर सकता।
उद्धव के इस आदेश के बाद महाराष्ट्र में बीजेपी हमलावर हो गयी है। बीजेपी ने उद्धव के आदेश को समाज को तोड़ने वाला बताया है। बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने सीएम उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ धारा 153A के तहत समता नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। अतुल का कहना है कि पुलिस ने 4 दिनों में ठाकरे के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज नहीं की तो वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
आपको बता दें कि मुंबई के साकीनाका में बीते शुक्रवार को एक टेम्पो के भीतर एक महिला के साथ बलात्कार और दरिंदगी की गई थी। उसके बाद पीड़ित की शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। मुंबई की इस घटना ने साल 2012 में दिल्ली में चलती बस में हुई ‘निर्भया’ बलात्कार कांड की याद को ताज़ा कर दिया था। हालाँकि घटना के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
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