अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले यूपी सरकार पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभियान चलाएगी। जानिए, आख़िर कैसे गाँव-गाँव पहुँचने की योजना बनाई गई है।
शिलाएं आने के बाद अयोध्या में मेले जैसा माहौल है। श्रद्धालु भारी तादाद में शिला पूजन के लिए पहुंच रहे हैं। जनकपुर से जो लोग शिला लेकर आएं हैं, उन्हें उम्मीद है कि इसी से भगवान राम की मूर्ति बनेगी। हालांकि अन्य राज्यों से भी मूर्ति बनाने के लिए पत्थर मंगाए गए हैं। मांग की गई है कि शालिग्राम के पत्थरों से सीता जी की भी मूर्ति बनाई जाए।
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए करोड़ों वर्ष पुरानी देव शिलाएं नेपाल से पहुंच गई हैं। इन्हें नेपाल के जनकपुर से लाया गया है। इन्हीं शिलाओं से रघुनंदन की छवि गढ़ी जाएगी।
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में करवाने के लिए निर्माण की प्रगति सहित तमाम बातों की समीक्षा की गई।
अयोध्या जैसी धार्मिक नगरी का विकास हो रहा है तो पूरा जोर सड़क पर, भवन पर, बिजली पानी व अन्य सुविधाओं पर है जबकि ये सब धर्म क्षेत्र के लिए बहुत आवश्यक नहीं होते। ना ही ये धर्म नगरी की पहचान होते हैं।
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का काम जोर-शोर से चल रहा है। मंदिर निर्माण समिति कब तक इस काम को पूरा कर लेगी और मंदिर के गर्भ गृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कैसी तैयारियां हैं, पढ़िए यह रिपोर्ट।
अयोध्या में राम मंदिर जनवरी 2024 में आम जनता के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। मई 2024 में देश में आम चुनाव हैं। यानी आम चुनाव से तीन-चार महीने पहले राम मंदिर खोला जाएगा। जानिए पूरी बातः
अयोध्या में बनने जा रहे रामजन्मभूमि मंदिर सहित 70 एकड़ परिसर की भव्यता पर 1,100 करोड़ रुपये ख़र्च होंगे। यह निर्माण कार्य 3 वर्ष में पूरा होने का अनुमान है।
राम मंदिर के निर्माण के लिए धन संग्रह को लेकर श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के प्रभावशाली पदाधिकारियों व सदस्यों ने कई प्रांतों का दौरा करके संपर्क अभियान शुरू किया है।
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद अब 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव तक फिर से माहौल को राममय बनाने की तैयारी है।
बहुत से लोगों का मानना है कि अब हिंदुत्ववादी राजनीति का समय है, मगर सवाल उठता है कि ये राजनीति हमें कहाँ ले जाएगी? क्या ये उन समस्याओं का समाधान कर सकेगी जिनसे पूरा देश जूझ रहा है या ये केवल उन्माद से ही खेलती रहेगी? पेश है जाने-माने पत्रकार और राजनीतिक पंडित डॉ. वेदप्रताप वैदिक से वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की बातचीत
राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद एक बार फिर से ये माहौल बन गया है मानो अब हिंदुत्ववादी राजनीति ही अब हावी रहेगी और विपक्ष को उसके सुर में सुर मिलाना होगा। लेकिन क्या इसमें कुछ सचाई है, क्या विपक्षी दलों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है ? पेश है वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश से मुकेश कुमार की बातचीत
अयोध्या में भूमि पूजन के बाद की राजनीति की दिशा और दशा क्या होगी? क्या इससे हिंदूत्ववादी राजनीति और भी आक्रामक होगी और होगी तो उसकी प्रतिक्रिया क्या होगी?