प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार यूं ही छोटी दीवाली अयोध्या में नहीं मनाई। वो दरअसल, राम मंदिर का काम भी देखने आए थे। वही हुआ। बुधवार को राम मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि वो जनवरी 2024 में राम मंदिर को आम जनता के लिए समर्पित कर देगा। इस सारे मामले में राम मंदिर खोलने की टाइमिंग पर नजर डालिए। जनवरी 2024 में राम मंदिर खुलेगा और मई 2024 में आम चुनाव होगा। तीन- चार महीने तक राम मंदिर का बनना इस देश का प्रमुख मुद्दा होगा। महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी जैसे मुद्दों को भूलकर सिर्फ राम मंदिर पर बात होगी। जनवरी 2024 में बहुत बड़े इवेंट की कल्पना कीजिए और बीजेपी की रणनीति की दाद दीजिए। अयोध्या के रास्ते 2024 का चुनाव फतह करने की तैयारी है।
2019 के ऐतिहासिक फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था। फैसला देने वाले तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अब बीजेपी की कृपा से राज्यसभा के सांसद हैं। अयोध्या में दशकों पुराने बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद ने देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा।
राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी द्वारा 1996 के लोकसभा चुनावों से लेकर अब तक हर चुनावी घोषणा पत्र में शामिल है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के घोषणापत्र में लिखा था- हम राम मंदिर पर अपना रुख दोहराते हैं। हम संविधान के ढांचे के भीतर सभी संभावनाओं का पता लगाएंगे और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में तेजी लाने के लिए सभी आवश्यक प्रयास करेंगे। 2012 और 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी के घोषणापत्र में "राम मंदिर का निर्माण" भी शामिल था।
बहरहाल, 2024 में देखेंगे बीजेपी ने अयोध्या को अपने हिंदू एजेंडे के लिए पूरी तरह तैयार कर दिया है। इसकी तैयारी सरकारी तौर पर पहले से ही जोरों पर चल रही है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार 2024 तक अयोध्या को एक ग्लोबल सिटी और एक टूरिज्म हॉटस्पॉट के रूप में स्थापित करने के लिए जुटी हुई है, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट शामिल हैं।
अयोध्या में इस साल के अंत तक 1,700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पूरा किया जाना है। 2024 तक अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण शामिल है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 1175 करोड़ रुपये सरकार ने दिए हैं।
जनता अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट या वर्ल्ड क्लास फाइव स्टार होटल बनने से नहीं सम्मोहित होने वाली है। वो तो बस भव्य राम मंदिर को देख रही है। इसीलिए अयोध्या में 2024 के आम चुनाव से ठीक तीन-चार महीने पहले राम मंदिर को जनता के दर्शन के लिए खोलने का निर्णय लिया गया। जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के सदस्यों ने कहा कि वे आवश्यक व्यवस्था कर रहे हैं ताकि सभी लोग जनवरी 2024 से रामलला के दर्शन कर सकें। जनवरी में सभी लोगों को मंदिर में जाने की अनुमति तभी मिलेगी जब राम लला की मूर्ति का अभिषेक करने का दिन तय हो जाएगा। मकर संक्रांति 15 जनवरी के आसपास है। उसी दौरान मंदिर खोला जाएगा।
राम मंदिर निर्माण से जुड़े चंपत राय ने कहा कि अब तक मंदिर का 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है। मकर संक्रांति में गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि अगले साल दिसंबर तक मंदिर का भूतल बनकर तैयार हो जाएगा। रामलला की मूर्ति स्थापना के लिए 14 जनवरी की तारीख तय की गई है।
गौर से देखें तो बीजेपी हर चुनाव में कुछ न कुछ भावनात्मक मुद्दा लाती रही है। एक बार करगिल युद्ध, फिर पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक, पहले बाबरी मस्जिद और पिछले चुनाव में अयोध्या में राम मंदिर ने लोगों की भावनाओं को उभारा है।
अब आगामी चुनाव से तीन-चार महीने पहले अयोध्या में मूर्ति का अभिषेक कर लोगों की भावनाओं को भुनाया जा रहा है। जनवरी का प्लान बहुत सोचा समझा है।
अयोध्या में कारसेवकपुरम में काम करने वाले विहिप के एक नेता कहते हैं, बीजेपी ने 2024 के आम चुनाव में राम मंदिर को उसके द्वारा पूरे किए गए एक और चुनावी वादे के रूप में दिखाने की योजना बनाई है। अयोध्या के तमाम मंदिरों के पुजारियों का कहना है कि 2024 में मंदिर खोलने का सीधा संबंध आम चुनाव से ही है। इसमें बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है। बीजेपी पहले भी ऐसा करती रही है।
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