अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद अब 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव तक फिर से माहौल को राममय बनाने की तैयारी है। विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बीजेपी पूरे देश में राम नाम के सहारे लोगों को एकजुट करने के काम में जुटेंगे।
देश भर के 2.75 लाख गांवों में राम प्रतिमा स्थापित किए जाने का लक्ष्य है तो करीब 10 करोड़ परिवारों से अयोध्या के भव्य मंदिर के लिए चंदा लिया जाएगा। विहिप व बीजेपी की योजना अलग-अलग कार्यक्रमों के सहारे जनता के बीच मंदिर के उन्माद को बनाए रखने की है और इसके लिए लगातार प्रयास जारी रहेंगे।
मंदिर के निर्माण का काम अगले लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पूरा किया जाएगा जबकि इसका पहला चरण उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले पूरा होगा।
प्रसाद वितरण का काम जारी
फिलहाल, प्रदेश ही नहीं, देश के अलग-अलग शहरों व गांवों में भूमि पूजन के प्रसाद के वितरण का काम चल रहा है। राम मंदिर के भूमि पूजन के दिन विहिप व बीजेपी के आह्वान पर दिवाली मनाने व आरती का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था।
दस करोड़ घरों से चंदे का लक्ष्य
राम मंदिर के निर्माण में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी के साथ विहिप कार्यकर्ता दस करोड़ परिवारों से संपर्क साध कर हर घर से 11-11 रुपये का चंदा इकट्ठा करेंगे। इस तरह राम मंदिर के लिए जन सहयोग से 5000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। भूमि पूजन से पहले तक राम मंदिर के लिए 41 करोड़ रुपये का चंदा आ चुका था जिसमें कथावाचक मुरारी बापू की भागीदारी 11 करोड़ रुपये की है। इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राम मंदिर निर्माण के लिए जनसहयोग की अपील की थी।
भूमि पूजन के दिन आए हुए सैकड़ों अतिथियों ने भी राम मंदिर के लिए आर्थिक सहयोग दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी 1989 में राम मंदिर आंदोलन के समय विहिप ने देश भर में लोगों से राम मंदिर के नाम पर सवा रुपये का चंदा लिया था।
बढ़ गयी है मंदिर की लागत
मंदिर के शिल्पकार गुजरात के चंद्रकांत सोमपुरा के मुताबिक़, पहले के मॉडल के अनुसार लागत 100 करोड़ रुपये तक आनी थी। अब मंदिर को और विशाल और ऊंचा बनाए जाने की घोषणा के बाद लागत भी बढ़ जाएगी। मंदिर को पहले 141 फीट ऊंचा बनना था जिसे अब बढ़ाकर 161 फीट कर दिया गया है। इसका क्षेत्रफल भी बढ़ा दिया गया है। सोमपुरा के परिवार ने ही गुजरात में सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया था।
मंदिर के निर्माण के लिए 75 फीसदी पत्थर तराशे जा चुके हैं और कारसेवकपुरम में विहिप की कार्यशाला में रखे हुए हैं। अब विस्तारित मॉडल के मुताबिक़ बाकी के पत्थर भी राजस्थान से जल्द ही मंगाए जाएंगे।
लाखों गांवों में लगेंगी राम प्रतिमा
विहिप पदाधिकारियों के मुताबिक़, जल्द ही एक अभियान शुरू कर देश के 2.75 लाख गांवों में राम प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। जिन गांवों में मंदिर नहीं होगा, वहां जन सहयोग के साथ राम मंदिर भी बनाया जाएगा। विहिप व बीजेपी के कार्यकर्ता गांव-गांव के अपने जनसंपर्क कार्यक्रम के दौरान राम प्रतिमाओं की स्थापना करेंगे। इसके लिए एक ही मॉडल पर प्रतिमा बनवाई जाएंगी। देश भर के पौने तीन लाख गांवों में राम प्रतिमा की स्थापना के साथ ही धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
राम मंदिर बना रहे ट्रस्ट के मुताबिक़, जनता से आर्थिक सहयोग लेने की प्रक्रिया अगले तीन सालों तक जारी रहेगी। योजना के मुताबिक़, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण 2024 में पूरा हो पाएगा। हालांकि इसका पहला चरण 2022 में ही पूरा हो जाएगा।
सोना-चांदी भी कर रहे हैं दान
राम मंदिर का निर्माण कर रहे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि आर्थिक सहयोग के अलावा बड़े पैमाने पर लोगों ने सोना व चांदी की शिलाएं भी दान की हैं। हालांकि ट्रस्ट ने अब लोगों से सोना-चांदी की जगह पैसों से सहयोग करने को कहा है।
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव कुणाल किशोर ने महावीर मंदिर पटना की ओर से राम मंदिर के गर्भ गृह को सोने से मढ़ने का एलान करते हुए 10 करोड़ रुपये दान करने की बात कही है। महावीर मंदिर पटना की ओर से दो करोड़ रुपये दिए भी जा चुके हैं। शिवसेना की ओर से भी पांच करोड़ रुपये का आर्थिक सहयोग दिया जाएगा।
तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के साथ ही कई अन्य धार्मिक संस्थाएं भी राम मंदिर के लिए आर्थिक सहयोग देंगी। लखनऊ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन सहित हैदराबाद के एक ज्वैलर ने मंदिर के लिए सोना व चांदी दान किया है।
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