उत्तर प्रदेश में अचानक से पिछड़े नहीं ब्राह्मण मतदाता राजनीति की धुरी बन गए हैं। वर्णवादी व्यवस्था की इस सबसे अगड़ी जाति के वोटों की अरसे तक स्वाभाविक दावेदार रही कांग्रेस और हाल-फिलहाल में इसका साथ पाकर सत्ता की सीढ़ियां चढ़ती रही बीजेपी या फिर दलित-ब्राह्मण गठजोड़ से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी पा चुकी बीएसपी तो इन्हें रिझाने में लगी ही है। अब एसपी भी इस मैदान में कूद पड़ी है। भगवान परशुराम की जयंती पर अवकाश घोषित करने के अपने फ़ैसले को याद करते हुए पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अब इनकी मूर्ति लगवाने की मुहिम शुरू कर दी है।