उत्तर प्रदेश में इस बार के महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़े-बड़े दावे किए थे। सीएम योगी ने कहा था कि इस धार्मिक आयोजन से राज्य में 3 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ, जिससे अर्थव्यवस्था को भारी बढ़ावा मिला। लेकिन अब जब जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े सामने आए हैं, तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह बड़ा व्यापारिक उछाल वास्तव में हुआ था, या फिर यह दावा महज एक अतिशयोक्ति है? फ़रवरी और मार्च 2025 के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े इस दावे से मेल नहीं खाते, जिसके चलते विशेषज्ञ और विपक्ष दोनों इसकी सचाई पर सवाल उठा रहे हैं।
महाकुंभ में 3 लाख करोड़ का टर्नओवर तो जीएसटी कलेक्शन इतना कम क्यों?
- उत्तर प्रदेश
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- 2 Apr, 2025
महाकुंभ में 3 लाख करोड़ का व्यापार होने के बावजूद यूपी के जीएसटी कलेक्शन पर इसका असर क्यों नहीं दिखा? क्या टैक्स प्रणाली में खामी है या फिर कमाई का सही लेखा-जोखा नहीं हुआ? जानें पूरी रिपोर्ट।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के समापन के बाद दावा किया था कि 45 दिनों के इस आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में 3 लाख करोड़ रुपये का योगदान हुआ। उनके मुताबिक, परिवहन, आवास, भोजन, और अन्य सेवाओं पर श्रद्धालुओं के खर्च ने स्थानीय व्यापार को बढ़ावा दिया। योगी ने यह भी कहा कि महाकुंभ के लिए सरकार ने करीब 7,500 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें से 1,500 करोड़ रुपये सीधे आयोजन पर लगाए गए और इसके बदले में राज्य को कई गुना लाभ हुआ।