अयोध्या में भूमि पूजन का कार्यक्रम जोरदार तैयारियों के बीच बुधवार को संपन्न हो गया। भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह लगभग 11.30 बजे दिल्ली से पहले लखनऊ और फिर अयोध्या पहुंचे। प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले पूरे इलाक़े को खाली करा लिया गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री हनुमानगढ़ी पहुंचे। जहां उन्होंने मंदिर की परिक्रमा करने के बाद पूजा की।
हनुमानगढ़ी में पूजा के बाद मोदी राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे और रामलला की पूजा की। राम जन्मभूमि परिसर में मोदी ने पारिजात का पौधा भी लगाया और इसके बाद भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू हुआ। भूमि पूजन के दौरान चले अनुष्ठान में 9 शिलाओं की पूजा की गई और वैदिक मंत्रोच्चार के जरिये धार्मिक कार्यक्रमों को संपन्न कराया गया।
‘कई पीढ़ियों ने किया अथक प्रयास’
कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों से टाट के नीचे रह रहे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। स्वतंत्रता आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सैकड़ों लोगों ने बलिदान दिया, उसी तरह राम मंदिर के लिए कई पीढ़ियों ने अथक प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण से लेकर तर्पण तक और संकल्प भी था।
राम सर्किट का जिक्र
मोदी ने कहा, ‘राम सबके हैं, राम सबमें हैं। यह मंदिर भारतीय संस्कृति की विरासत का द्योतक होगा। यह मंदिर अनंतकाल तक मानवता को प्रेरणा देगा। राम मंदिर का संदेश कैसे पूरे विश्व का निरंतर पहुंचे, यह हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की जिम्मेदारी है। जहां-जहां भगवान राम के चरण पड़े, वहां राम सर्किट बनाया जा रहा है।’
‘राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा’
उन्होंने कहा कि देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का पवित्र जल यहां की शक्ति बन गया है और ऐसा न तो पहले कभी हुआ है और न कभी होगा। मोदी ने कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा। उन्होंने कहा कि राम की सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का प्रतीक है और राम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया था।
मोदी ने कहा, ‘हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है। हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है। हमें अपने संकल्प और परिश्रम से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण 5 शताब्दियों का यह संकल्प पूरा हो सका है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए लोगों को दायित्व दे दिए गए हैं और अब उन्हें यह काम करना है। उन्होंने कहा कि आज भारत को वैभवशाली बनाने के काम की शुरुआत हो गई है।
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि करोड़ों लोगों की इच्छा है कि यहां दिव्य-भव्य मंदिर का जल्द से जल्द निर्माण होना चाहिए।
कोरोना के चलते एहतियात
कोरोना वायरस संक्रमण की आशंकाओं के बीच कार्यक्रम के लिए विशिष्ट व दूसरे आमंत्रित लोगों की सूची छोटी रखी गई थी। क़रीब पौने दो सौ लोगों को आमंत्रित किया गया था। पूरे इलाके को कई बार सैनिटाइज किया गया था और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना भी अनिवार्य किया गया था।
ये सावधानियां इसलिए बरती गईं क्योंकि हाल ही में मंदिर के पुजारी सहित 14 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह को भी शामिल होना था लेकिन उनके कोरोना संक्रमित होने के कारण वे ऐसा नहीं कर सके।
मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भूमि पूजन कार्यक्रम को देखा।
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