“जिस देश में अपने अतीत की चेतना न हो, उसका कोई भविष्य नहीं हो सकता। इसी तरह यह भी महत्वपूर्ण है कि राष्ट्र अपने अतीत को प्राप्त करने की न सिर्फ़ क्षमता विकसित करे बल्कि, उसे यह भी जानना चाहिए कि अपने भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए अतीत का कैसे उपयोग किया जाए।”