पाकिस्तान में आख़िर क्या चल रहा है? नेशनल एसेंबली के भंग करने की घोषणा और फिर इमरान ख़ान की गिरफ़्तारी। जानिए, इन घटनाओं का भारत पर कैसा असर हो सकता है।
कट्टरता और भ्रष्टाचार ने आज पाकिस्तान को जिस स्थिति में पहुंचा दिया है, उससे सबक लेने की जरूरत पड़ोसी मुल्कों को है। ऐटम बम और कश्मीर के मसले ने पाकिस्तान के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जनता को लंबे समय तक ऐसे फर्जी वादों और इरादों से फुसलाया नहीं जा सकता।
हुकूमत से हटने के बाद से ही इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पीटीआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर मुक़दमे दर्ज हो रहे हैं। इमरान इन मुश्किलों से कैसे निपटेंगे?
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने नेशनल असेम्बली से इस्तीफा देने का फैसला किया है। पीटीआई सुप्रीमो इमरान खान ने कहा है कि आजादी की लड़ाई फिर शुरू होगी।
पाकिस्तान में नए प्रधानमंत्री का चुनाव कल होगा। पीटीआई ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पीएमएल - एन के शाहबाज शरीफ के मुकाबले उतारने की घोषणा की है।
इमरान ख़ान सरकार के दौरान विरोधियों के ख़िलाफ़ जिस तरह कार्रवाई की गई उससे सवाल उठ रहे थे कि अब नयी सरकार में क्या होगा? जानिए, शहबाज शरीफ ने क्या कहा है।
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में जब शनिवार रात को विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो रही थी तो क्या इमरान को अंदाजा था कि वह पाकिस्तान में इतिहास रचने जा रहे हैं?
पाकिस्तान में हुकूमत चलाने के लिए 172 सांसदों की जरूरत है। लेकिन यह साफ दिख रहा है कि इमरान इतने सांसद नहीं जुटा सकते। लेकिन इमरान खान हर पैंतरा बदल रहे हैं।