कमलनाथ सरकार गिरने के बाद बीजेपी में मुख्यमंत्री पद की लड़ाई तेज हो गई है। शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से चुनौती मिल रही है।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया को मना पाने में क्यों असफल रहा। विधायकों की लगातार बढ़ रही ख़रीद-फरोख्त को देखते हुए दल-बदल क़ानून को और सख़्त बनाये जाने की ज़रूरत है। सुनिए, बातचीत में क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी. सिंह ने।
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी संकट में गुरुवार रात को बड़ा घटनाक्रम हुआ है। विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस से बग़ावत करने वाले 16 बाग़ी विधायकों का इस्तीफ़ा देर रात को मंजूर कर लिया।
जिस तिकड़म से कर्नाटक की सरकार को गिराया गया था, उसी तिकड़म से मध्य प्रदेश की सरकार भी जाती हुई दिख रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च शाम 5 बजे तक कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफ़े के बाद नंबर गेम बीजेपी के पक्ष में है। अगर कमलनाथ सरकार बच जाती है तो यह चमत्कार ही होगा। सुनिए, क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश।
दुनिया भर में भले ही कोरोना वायरस को लेकर दहशत का माहौल हो लेकिन मध्य प्रदेश में नेताओं को सिर्फ कुर्सी की चिंता है और जनता की परेशानियों से शायद उन्हें कोई मतलब ही नहीं है।
मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी संकट को लेकर अब बीजेपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने हैं। पिछले कुछ समय से कई राज्यों में विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त को देखते हुए कहा जा सकता है कि दल-बदल क़ानून की हत्या की जा रही है। अब देखना यह होगा कि कमलनाथ सरकार बचेगी या नहीं। सुनिए, क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफ़ा देने के बाद पैदा हुए सियासी संकट के बीच राज्य सरकार, राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर के बीच लेटर वॉर चल रहा है।
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट में राज्यपाल केंद्र की कठपुतली की तरह काम करते दिखाई दे रहे हैं। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कमलनाथ सरकार बच पायेगी या नहीं। बीजेपी और कांग्रेस सरकार बनाने-बचाने के खेल में व्यस्त हैं और लोकतांत्रिक परंपराओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा चरम पर है। विधानसभा के 26 मार्च तक के लिये स्थगित हो जाने के बीच बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी। अगर फ़्लोर टेस्ट हुआ तो क्या कमलनाथ अपनी सरकार को बचा पाएंगे? सुनिए, सीधे भोपाल से क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार संजीव श्रीवास्तव ने।