महाराज साहब पधार गए हैं। भारतीय जनता पार्टी में कांग्रेस के एक युवा चेहरे मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य सिंधिया की औपचारिक एंट्री हो गई। कांग्रेस और सिंधिया के इलाक़े यानी ग्वालियर और गुना-चंबल क्षेत्र में लोग उन्हें “श्रीमंत” कहकर सम्मान देते हैं या यह कहना बेहतर होगा कि उन्हें खुद को “श्रीमंत” कहलाना पसंद है।
क्या बीजेपी में लंबी सियासी पारी खेल पायेंगे ज्योतिरादित्य?
- विचार
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- 12 Mar, 2020

कांग्रेस में सम्मान न मिलने की बात कहकर ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल तो हो गए हैं लेकिन क्या उनके लिये यहां सियासी पारी खेलना आसान होगा। क्योंकि मध्य प्रदेश बीजेपी में पहले से ही दिग्गजों की भरमार है। यह भी ठीक है कि सिंधिया जल्दी ही केंद्र सरकार में मंत्री बन जाएंगे लेकिन क्या उन्हें इस बात का इल्म है कि केंद्र सरकार में मंत्रियों की आवाज़ और ताक़त कितनी है?
बेहतरीन ड्रैस, फ़ैशनेबल लुक, चमकते चेहरे पर विदेशी सनग्लास, महंगी गाड़ियों को दौड़ाते, रग-रग में अंग्रेज़ियत की महक रखने वाले और कल तक कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के सबसे क़रीबी दोस्त माने जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अब बीजेपी के हो चुके हैं। यह अलग बात है कि अभी आठ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ही कृष्ण पाल यादव ने ज्योतिरादित्य को क़रीब सवा लाख वोटों से हराया था।