संसद में जय फिलिस्तीन बोलने पर हंगामा मच गया। भारत ने एक देश के रूप में फिलिस्तीन को मान्यता दे रखी है। लेकिन एक राजनीतिक दल के कुंद जेहन देशभक्त अगले दिन जनता द्वारा चुने गए नुमाइंदे के घर विरोध जताने पहुंच गए। उन्होंंने हिंसा की, पुलिस उसे राष्ट्रवादी हिंसा मानकर चुप रही। संसद भी इस हमले पर चुप है। संसद तब भी चुप रही थी जब एक सांसद को और उसकी बिरादरी को आतंकवादी बोला गया। लेकिन जागरूक नागरिकों को क्या होता जा रहा है। स्तंभकार अपूर्वानंद का यह लेख कुंद जेहन लोगों के लिए नहीं है। आप जरूर पढ़िएः