पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर लोकसभा की एथिक्स कमेटी सोमवार 4 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक एथिक्स कमेटी की इस रिपोर्ट में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई है।
माना जा रहा है कि अगर लोकसभा में कमेटी की इस रिपोर्ट की सिफारिश के समर्थन में बहुमत वोट पड़ता है तो सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया जायेगा।
4 दिसंबर से ही लोकसभा का शीतकालीन सत्र शुरु हो रहा है। इसके पहले ही दिन महुआ मोइत्रा मामले में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पेश की जायेगी। शीतकालीन सत्र को लेकर लोकसभा सचिवालय ने सत्र का एजेंडा पेपर्स जारी किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें इस बात का जिक्र है कि 4 दिसंबर को ही एथिक्स कमेटी के चेयरपर्सन और भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर कमेटी की पहली रिपोर्ट पेश करेंगे।
वे इस दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही यह रिपोर्ट रखेंगे। एथिक्स कमेटी में शामिल विपक्षी सदस्य इस रिपोर्ट को फिक्ड मैच बता चुके हैं।
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इस मामले में सीबीआई भी कर रही है जांच
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की सीबीआई ने 25 नवंबर से प्रारंभिक जांच शुरु कर दी है। महुआ पर रुपये और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। पीटीआई के मुताबिक सीबीआई ने लोकपाल के निर्देश के बाद यह जांच शुरु कर दी है।सीबीआई की इस जांच के आधार पर ही तय होगा कि महुआ के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए या नहीं। हालांकि इस प्रारंभिक जांच के दौरान सीबीआई किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। सीबीआई आरोपी की तलाशी भी नहीं ले सकती है लेकिन वह जांच के दौरान जरुरत पड़ने पर आवश्यक जानकारी मांग सकती है।
सीबीआई इस जांच में महुआ मोइत्रा से पूछताछ भी कर सकती है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रुपये लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए लोकपाल से शिकायत की थी। सीबीआई की जांच शुरु करने से माना जा रहा है कि महुआ की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
महुआ पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपनी संसद की आईडी और पासवर्ड बिजनेसमैन हीरानंदानी को दे दिया था। ये आरोप लगने के बाद लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास इस मामले को भेजा गया था। एथिक्स कमेटी ने महुआ को पूछताछ के लिए बुलाया था तब महुआ ने कमेटी पर ही कई आरोप लगाए थे।
एथिक्स कमेटी ने मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट 10 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष को भेज दी है।कमेटी की रिपोर्ट पर लोकसभा के शीतकालीन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला फैसला लेंगे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ की संसद सदस्यता को खत्म करने की बात कही है।
विपक्ष की ओर से यह आरोप लगाये जा रहे हैं कि सरकार द्वारा विपक्ष के नेताओं को परेशान किया जा रहा है। इस मामले में फैसले से असहमति जताते हुए एथिक्स कमेटी के विपक्षी सदस्यों ने अपने असहमति नोट में कहा था कि पैनल ने अपनी जांच "अनुचित जल्दबाजी" और "संपूर्णता की कमी" के साथ की।
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भाजपा सांसद ने मामले की जांच के लिए लिखा था पत्र
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कुछ दिनों पहले बताया था कि लोकपाल ने उनकी शिकायत जांच के लिए सीबीआई को भेज दी है।महुआ पर ये आरोप पिछले महीने तब सामने आए थे जब निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाये थे। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में दावा किया था कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली थी।
वहीं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे पत्र में उनसे आग्रह किया था कि वे सांसद महुआ मोइत्रा के लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और ने पहुंच बनाई है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक एथिक्स कमेटी ने सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ शिकायत के संबंध में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहद्रई से पूछताछ की थी।
दूसरी ओर हीरानंदानी ने पैनल को दिए हलफनामे में दावा किया था कि मोइत्रा ने उन्हें अपना संसद लॉगिन और पासवर्ड प्रदान किया था ताकि वह आवश्यकता पड़ने पर उनकी ओर से सीधे "प्रश्न पोस्ट" कर सकें।
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