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संसद में शुक्रवार की बहस के लिए इंडिया की बैठक

संसद के दोनों सदनों में नीट पर आज होगा हंगामा, स्थगन प्रस्ताव आएगा

18वीं लोकसभा का उद्घाटन सत्र हंगामेदार होने वाला है। इंडिया गठबंधन ने नीट पेपर लीक पर चर्चा के लिए शुक्रवार को स्थगन प्रस्ताव लाने का फैसला किया है।

विपक्ष नियम 267 के तहत प्रस्ताव पेश करेगा। यह फैसला गुरुवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर आयोजित इंडिया गठबंधन के फ्लोर नेताओं की बैठक में लिया गया। विपक्षी दलों ने आमराय से नीट, अग्निवीर, बेरोजगारी और अन्य मुद्दों को संसद में उठाने का फैसला किया। सूत्रों के मुताबिक, दोनों सदनों में एक समान रणनीति अपनाई जाएगी।

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दोनों सदनों में शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होने वाली है। जबकि राज्यसभा की कार्य सलाहकार समिति ने इस चर्चा के लिए 26 घंटे आवंटित किए हैं। लोकसभा में भी इतना ही समय आवंटित होने की संभावना है। लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का अभी तक गठन नहीं हुआ है। वही समय आवंटित करती है।

महा हंगामाः इंडिया गठबंधन ने फैसला लिया है कि यदि प्रस्तावों को अनुमति नहीं दी गई, तो सांसद पहले सदन के अंदर विरोध करेंगे और स्थगन के लिए मजबूर करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को दोनों सदनों को बड़े हंगामे का सामना करना पड़ेगा। स्थगन नामंजूर होने पर विपक्षी दल संसद परिसर में दोनों सदनों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बैठक में आम आदमी पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रस्ताव दिया कि विपक्ष उनके नेताओं, अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाए। इसे अगले सप्ताह बढ़ाने पर सहमति बनी। यानी सोमवार को इस मुद्दे को विपक्ष जोरदार तरीके से उठाएगा।

नीट के मुद्दे को लेकर डीएमके काफी सक्रिय है। बैठक के बाद डीएमके सांसद टी शिवा ने कहा, "हम 28 जून को नीट मुद्दे पर (संसद में) स्थगन का नोटिस देंगे।" राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा, "विपक्ष एकजुट है और वह संसद में नीट, अग्निवीर, महंगाई और बेरोजगारी और एमएसपी के मुद्दे उठाएगा।" हनुमान बेनीवाल राजस्थान से चुनकर आए हैं और अब इंडिया में शामिल हो गए हैं।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि कई मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा, "संसद में सभी मुद्दों पर बहस होगी, चाहे राष्ट्रपति का अभिभाषण हो या उपसभापति का चुनाव।" 

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दरअसल, विपक्ष 1975 के आपातकाल को सत्ता पक्ष द्वारा मुद्दा बनाने की चालाकी समझ गया है। मोदी से लेकर राष्ट्रपति तक और लोकसभा स्पीकर ने राग इमरजेंसी इसीलिए छेड़ा है ताकि लोगों का ध्यान नीट जैसे मुद्दे से हटाकर इमरजेंसी की तरफ लाया जा सके। अभी तक सत्ता पक्ष इसमें सफल रहा, क्योंकि इसमें लोकसभा स्पीकर और राष्ट्रपति ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। लेकिन शुक्रवार से विपक्ष का दिन शुरू हो रहा है। विपक्ष इस मौके को गंवाना नहीं चाहता। नीट पेपर लीक पर देशभर में युवक आंदोलित हैं। चाहे वो उत्तर हो या फिर दक्षिण, नीट परीक्षा को ही खत्म करने की मांग उठ रही है। दक्षिण भारत के राज्य इस बात पर एकमत नजर आ रहे हैं कि तमाम धांधलियों को देखते हुए नीट एंट्रेंस को खत्म कर दिया जाए।
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क़मर वहीद नक़वी
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