आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरु कर दी है। पार्टी पिछले चुनावों की तरह इस बार भी चुनाव प्रचार के लिए आधुनिक तकनीक का जमकर इस्तेमाल करेगी। इसके लिए टीमें बनाई जा रही हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भाजपा पिछले वर्षों से कहीं ज्यादा आक्रमक प्रचार-प्रसार आगामी लोकसभा चुनाव में कर सकती है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स अखबार की 12 सितंबर की एक रिपोर्ट भाजपा की चुनावी तैयारियाें की जानकारी देती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में प्रचार प्रबंधन के लिए देशभर में 300 कॉल सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की 1 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आयोजित एक बैठक में लोकसभा चुनाव को देखते हुए पूरे देश को 10 क्षेत्रों में विभाजित कर पार्टी का प्रचार प्रबंधन करने की बात कही गई थी। इसके समन्वय और प्रबंधन के लिए प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक प्रभारी नियुक्त किया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि भाजपा महासचिव अरुण सिंह ने 8 सितंबर को लिखे पत्र में सभी जोनल और राज्य प्रभारियों को कॉल सेंटर स्थापित करने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में स्थानों की पहचान करने को कहा है।
इसमें कहा गया है कि न्यूनतम 27 सीटों वाला कॉल सेंटर स्थापित करने के लिए इंटरनेट और अन्य सुविधाओं वाले पार्टी कार्यालयों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
वहीं पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा है कि ये कॉल सेंटर पार्टी को जमीनी स्तर पर काम करने और चुनाव की तारीख तक स्थानीय टीम द्वारा मतदाताओं के साथ संपर्क स्थापित करने में मदद करेंगे, साथ ही उन्हें अभियान से जुड़ी सही सामग्री भी प्रदान करेंगे।
चुनाव के दिन, इन कॉल सेंटरों का उपयोग मतदाताओं को कॉल करने और यह जांचने के लिए भी किया जाता है कि उन्होंने अपना वोट डाला है या नहीं।
2019 के चुनाव में पार्टी ने ऐसे 190 कॉल सेंटर स्थापित किए थे
इकोनॉमिक्स टाइम्स अखबार की 12 सितंबर की रिपोर्ट कहती है कि पार्टी ने बिहार बीजेपी नेता देवेश कुमार को एमपी-छत्तीसगढ़ जोन का प्रभारी बनाया है। दूसरी ओर गुजरात के विधायक अमित ठाकर को तेलंगाना-एपी जोन का प्रभारी बनाया गया है।वहीं दिल्ली बीजेपी उपाध्यक्ष राजीव बब्बर यूपी-उत्तराखंड के प्रभारी हैं। इसी तरह 7 अन्य नेताओं को भी प्रभारी बनाया गया है। ये नेता केंद्रीय कार्यालय में पांच नेताओं के संपर्क में रहेंगे। इन नेताओं को अगले 20 सितंबर तक जिला स्तरीय टीमों के लिए कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश दिया गया है।
रिपोर्ट कहती है कि भाजपा ने इन कॉल सेंटरों की स्थापना और प्रबंधन के लिए संचार परामर्श कंपनी जार्विस को नियुक्त किया है।जार्विस पिछले कुछ सालों से भाजपा के लिए काम कर रही है। फर्म की एक छोटी टीम नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय से संचालित होती है, और यह इन सभी सभी केंद्रों के बीच समन्वय सुनिश्चित करेगी।
ये कॉल सेंटर भाजपा की राज्य संचार टीम, निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाता विवरण पर काम करने वाली सरल पोर्टल टीम, राज्य स्तरीय डेटा प्रबंधन और आईटी टीम और केंद्रीय संचार और डेटा टीम के बीच क पुल के रूप में कार्य करेंगे।
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कार्यकर्ताओं की भर्ती का अभियान चला रही भाजपा
चुनावी राज्यों में भाजपा पार्टी को मजबूत करने के लिए संगठन पर ध्यान दे रही है। इकोनॉमिक्स टाइम्स अखबार की एक रिपोर्ट के मुताबिक चुनावी राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और अब छत्तीसगढ़ में अपनी चल रही 'जनआशीर्वाद' यात्राओं के साथ कार्यकर्ताओं को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा अपने उन असंतुष्ट कार्यकर्ताओं की 'घर वापसी' की दोहरी रणनीति का उपयोग कर रही है, जिन्होंने पार्टी छोड़ दी है। सूत्रों ने बताया कि पार्टी पंचायत और ब्लॉक स्तर पर नए कार्यकर्ताओं को भाजपा में शामिल करने के लिए भर्ती अभियान भी चला रही है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनावों से सबक लेते हुए, भाजपा यह सुनिश्चित कर रही है कि इन दोनों राज्यों में जहां भी उसकी यात्रा जाए, वहां इन कार्यकर्ताओं को अपने पाले में वापस लाया जाए जो उसे छोड़कर चले गए थे। साथ ही भाजपा ने पंचायत स्तर के कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़कर कांग्रेस को कमजोर कर दिया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर, यह कवायद सबसे पहले मध्य प्रदेश में शुरू की गई थी। जहां पार्टी के लिए इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए थे और दो दशकों की सत्ता विरोधी लहर से निपटने में मदद मिली थी।
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पाले में लाने पर है पार्टी का फोकस
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा है कि लोगों तक पहुंचने के अलावा, हमें आधार को मजबूत करने का एक और मुख्य काम दिया गया है। खासकर उन लोगों को वापस लाना जिन्होंने पार्टी छोड़ दी है।भाजपा नेता ने कहा है कि मध्य प्रदेश में पंचायत स्तर पर बूथवार सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ताओं की विधानसभावार सूची दी गई, जो भाजपा से जुड़े नहीं हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने चुनावी राज्यों में अपना पूरा ध्यान संघर्षरत राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जोड़ने की रणनीति पर केंद्रित कर दिया है।
इस बार बीजेपी ने कुछ बड़े चेहरों को पार्टी में शामिल करने के बजाय बूथ और निचले स्तर पर सक्रिय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने पाले में लाने पर ज्यादा फोकस किया है। हर विधानसभा क्षेत्र में इस काम के लिए एक विशेष टीम तैनात की गई है जो सीधे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को रिपोर्ट कर रही है। मध्य प्रदेश में अब तक जहां-जहां से यात्रा गुजरी है, वहां से हर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने 50 से 100 कार्यकर्ताओं को शामिल कराया है।
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