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फाइल फोटो

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा से सस्पेंड किए गए 

लोकसभा में विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है वहीं लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को गुरुवार को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। उन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है। संसद में पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव  के दौरान उनकी टिप्पणियों पर सत्ता पक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज की गई थी। 

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी अपनी बातों से हर बार देश और सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश करते हैं। कहा कि अधीर रंजन चौधरी के घोर, जानबूझकर और बार-बार किए गए कदाचार को सदन से गंभीरता से लिया है।  उन्होंने कहा कि हमने उसी दौरान उनसे माफी की मांग की थी, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। उनके खिलाफ प्रस्ताव लाया गया जिसे लोकसभा अध्यक्ष द्वारा स्वीकार कर लिया गया। 
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी का बर्ताव सदन के अनुरूप नहीं था। अब इस मामले में जब तक मामला प्रिविलेज कमेटी के पास लंबित रहेगा और जांच रिपोर्ट आती है तब तक अधीर रंजन चौधरी लोकसभा से सस्पेंड रहेंगे। यह पहली बार है जब लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड कर दिया गया है।  

लोगों के मुद्दों के लिए हम आवाज उठाएंगे 

अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा है कि डेरेक ओ'ब्रायन को सस्पेंड किया गया। लोकसभा में आप सांसद सुशील कुमार रिंकू को सस्पेंड किया गया। अब कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को सस्पेंड किया गया है। बीजेपी अपने खिलाफ आवाज उठाने पर I.N.D.I.A. के लिए बाधाएं पैदा कर रही है। इसके बाद भी हम पीछे नहीं हटेंगे। हम आगे बढ़ेंगे और साथ मिलकर काम करेंगे। हम अपने अधिकारों और आम लोगों के मुद्दों के लिए आवाज उठाएंगे और अंत में हम जीतेंगे। 

आखिरकार आज देश पीएम को संसद में बोलते देख रहा 

अविश्वास प्रस्ताव पर गौरव गोगोई ने कहा है कि उन्होंने यह अविश्वास प्रस्ताव I.N.D.I.A के सदस्य के रूप में मेरे द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था। गठबंधन की इतने दिनों की जद्दोजहद के बाद, इतनी मुश्किलों के बाद आखिरकार आज देश प्रधानमंत्री मोदी को संसद में बोलते हुए देख रहा है। प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। पीएम मोदी मणिपुर का दौरा न करने पर इतने अड़े क्यों हैं? मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं निकाला गया?  इतने दिनों तक मणिपुर पर चुप्पी क्यों साधे रखी गई? शांति की अपील क्यों नहीं की गई? 

औवेसी ने कहा कि, वहां मुगल-ए-आजम चल रही है

अविश्वास प्रस्ताव पर एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि बीआरएस और हमारी पार्टी ने भी अविश्वास प्रस्ताव दिया था जिसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया। प्रधानमंत्री मोदी का आज का भाषण उनके पिछले 9 साल में दिए गए सभी भाषणों में से बोरिंग था। हमने सोचा था कि वह उन लोगों की निंदा करेंगे जो मणिपुर में हिंसा कर रहे हैं, हमने सोचा कि वह हरियाणा सरकार के विध्वंस अभियान की निंदा करेंगे। लेकिन वहां कुछ नहीं हो रहा है। वहां मुगल-ए-आजम चल रही है। 

नेताओं ने बताया, इसीलिए विपक्ष ने वाकआउट किया

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के वाकआउट को लेकर विभिन्न नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के पीछे का कारण मणिपुर था। जहां कई महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ, बच्चों की हत्या हुई और कई अन्य घटनाएं हुईं लेकिन पीएम ने मणिपुर के बारे में कुछ नहीं कहा और मणिपुर के लोगों के साथ खड़े नहीं हुए। इसीलिए विपक्ष ने वाकआउट किया।  
वहीं एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि पीएम मोदी अर्थव्यवस्था, महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, मणिपुर की महिलाओं पर क्रूरता के मुद्दे पर बोलेंगे लेकिन डेढ़ घंटे में उनका 90 प्रतिशत भाषण I.N.D.I.A पर था। इसलिए हमने वाकआउट किया। राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि हमने सोचा था कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर पर बोलेंगे। लेकिन हमने क्या देखा? कमेंट, चुटकुले और वॉट्सऐप बातें। प्रधानमंत्री मोदी से ये उम्मीद नहीं थी।  कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि विपक्ष ने 1 घंटे 45 मिनट तक बहुत अपमान और दुर्व्यवहार सुना है। मुझे लगता है कि विपक्ष ने कई अन्य लोगों की तुलना में अधिक धैर्य दिखाया है। 
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क़मर वहीद नक़वी
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