आरएसएस प्रमुख ने समलैंगिकता और एलजीबीटी समुदाय पर खुलकर विचार व्यक्त किए हैं। 2016 से चल रहा यह सिलसिला पहली बार सामने आया है। आखिर इसकी वजह क्या है, क्या संघ प्रमुख के बयान के बाद केंद्र की मोदी सरकार समलैंगिक विवाह के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी देगी, क्या समलैंगिक विवाहों के जोड़ों को एक परिवार की तरह मानकर सरकारी स्कीमों के जरिए मदद की जाएगी। इन सारे सवालों का विश्लेषण इस रिपोर्ट मेंः