क्या उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उन पत्रकारों को निशाने पर ले रही है, जिन्होंने हाथरस बलात्कार व हत्याकांड पर उसकी इच्छा के ख़िलाफ़ काम किया था?
हाथरस बलात्कार व हत्या मामले में सरकार की फ़जीहत होने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीजेपी के पूर्व विधायक राजवीर सिंह 'पहलवान' के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने हाथरस पीड़िता की पहचान को उजागर करने के मामले में बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय, फ़िल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को नोटिस दिया है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हाथरस बलात्कार व हत्या मामले में दोषियों को सज़ा दिलाने के बजाय उन लोगों को निशाने पर ले रही है, जिन्होंने इस मुद्दे को लेकर उसकी आलोचना की है। वह अपने विरोधियों को भी इसी बहाने फँसाने की कोशिश भी कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से एक दिन पहले दिए गये बयान को भी इन सुर्खियों से जोड़ा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था, 'जिन्हें विकास अच्छा नहीं लग रहा है, वह जातीय व सांप्रदायिक दंगा भड़काना चाहते हैं।'
उत्तर प्रदेश सरकार फ़ोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की जिस रिपोर्ट के आधार पर हाथरस में बलात्कार की घटना को सिरे से खारिज कर रही थी, उस रिपोर्ट को ही खारिज कर दिया गया है।
हाथरस कांड की पीड़िता का मेडिको-लीगल रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस, प्रशासन, योगी आदित्यनाथ सरकार और सत्तारूढ़ बीजेपी के बलात्कार न होने के तमाम दावों की धज्जियाँ उड़ा कर रख देता है।
भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर हाथरस पीड़िता का वीडियो अटैच कर दिया है। यह क़ानून अपराध है, तो क्या उत्तर प्रदेश पुलिस उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगी?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस के लिए रवाना हो गए हैं। डीएनडी पर भारी पुलिस बन्दोबस्त के बीच उनकी गाड़ी आगे निकल गई, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की। उन्हें जाने दिया।
हाथरस बलात्कार व हत्याकांड में पुलिस व प्रसासन के रवैए से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं जो पूरी व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हैं। पुलिस और प्रशासन के अफ़सरों ने जिस तरह की संवेदनहीनता दिखाई, उससे यह सवाल उठता है कि इनके प्रशिक्षण में क्या खामियाँ हैं?