क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में निस्तेज हो चुकी और तेज़ी से जनाधार खो रही कांग्रेस पार्टी को हाथरस कांड के जरिए अपना जनाधार वापस पाने का एक सुनहरा मौका दे दिया है? यह इसलिए कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने इसका भरपूर फ़ायदा उठाया है। लंबे जद्दोजहद के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को हाथरस जा कर पीड़िता के परिजनों से मुलाक़ात की है।
राहुल और प्रियंका गांधी ने शाम 7.20 बजे पीड़िता के परिवार से मुलाक़ात की। उनके साथ केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी और पीएल पुनिया भी थे। यह बातचीत करीब आधे घंटे चली।
पीड़िता की माँ को गले लगाया
राहुल और प्रियंका गांधी ने बंद कमरे में पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान प्रियंका गांधी ने पीड़िता की मां को गले लगाया और सांत्वना दी।
पीड़िता के परिजनों से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार लोगों को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम रही है।
राहुल गांधी ने मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पीड़ित परिवार चाहते है कि ज़िला मजिस्ट्रेट हटाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित परिवार राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है।
न्यायिक जाँच की माँग
प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जहां कहीं अन्याय होगा, वह जाएंगी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पीड़िता का परिवार न्यायिक जाँच चाहता है। परिवार सुरक्षा चाहता है। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में गए सांसद अधीर रंजन चौधरी ने ज़ोर देकर कहा कि पीड़िता के परिजनों से मिलने की पीछे किसी तरह की कोई राजनीति है, कांग्रेस के लोग घबराए हुए, परेशान और दुखी परिवार के लोगों को सांत्वना देने के लिए आए हुए हैं, यह मानवता है, राजनीति नहीं।
दोपहर करीब 2.30 पर राहुल और प्रियंका एक गाड़ी में बैठ हाथरस के लिए विदा हो गए थे। इसके पहले उन्होंने कहा था, 'दुनिया की कोई ताक़त मुझे हाथरस जाकर इस दुखी परिवार से मिलने और दुख साझा करने से नहीं रोक सकती।'
इसके पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को हाथरस जाने की अनुमति दे दी, पर यह शर्त लगा दी कि अधिकतम 5 लोग ही जा सकते हैं।
यमुना एक्सप्रेस को जोड़ने वाली सड़क डीएनडी पर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हल्का लाठीचार्ज किया। इन कार्यकर्ताओं ने कोरोना दिशा निर्देशों का जम कर उल्लंघन किया।
कांग्रेस के नेताओं ने लाठीचार्ज पर गुस्सा जताया है और कहा है कि लाठीचार्ज किए जाने की कोई ज़रूरत नहीं थी। लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और क़ानून व्यवस्था को कोई ख़तरा नहीं था। चोट खाए एक नेता ने कहा, यह लाठीचार्ज बताता है कि बीजेपी का 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का नारा कितना खोखला है।
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