क्या उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उन पत्रकारों को निशाने पर ले रही है, जिन्होंने हाथरस बलात्कार व हत्याकांड पर उसकी इच्छा के ख़िलाफ़ काम किया था? या यह माना जाए कि यह वाकई अंतरराष्ट्रीय साजिश थी और साजिश रचने वालों में से कुछ लोग पत्रकार के वेश में काम कर रहे थे?