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हाथरस पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए बीजेपी आईटी सेल प्रमुख को महिला आयोग का नोटिस 

क्या बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय हाथरस बलात्कार व हत्या मामले की पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए माफ़ी मांगेगे? इसके पहले उन्होंने ज़ोर देकर कहा था कि उन्होंने उस महिला का वीडियो ट्वीट कर कोई ग़लत काम नहीं किया है क्योंकि बलात्कार हुआ ही नहीं है। लेकिन अब उनके आसपास क़ानून का शिकंजा कसता जा रहा है। 
राष्ट्रीय महिला आयोग ने अमित मालवीय के अलावा फ़िल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को भी नोटिस दिया है। 
राष्ट्रीय महिला आयोग ने इन तीनों को नोटिस जारी कर कहा है कि वे इसका संतोषजनक उत्तर दें कि उन्होंने पीड़िता की पहचान उजागर क्यों की। इसके साथ ही आयोग ने यह भी कहा है कि वे तुरन्त ट्विटर से वे वीडियो हटा लें और भविष्य में ऐसा न करें। 
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अमित मालवीय का ट्वीट

याद दिला दें कि अमित मालवीय ने हाथरस वारदात के बाद ट्वीट किया था, 'हाथरस पीड़िता की एएमयू के बाहर एक रिपोर्टर से बातचीत, जिसमें उसने दावा किया कि उसका गला दबाने की कोशिश की गई। इसका मक़सद किसी अपराध के उत्पीड़न को कम करना नहीं है, पर यह ग़लत है कि इसे एक दूसरे बेहद जघन्य अपराध के रूप में पेश किया जाए।' 
अमित मालवीय यह कहना चाहते हैं कि पीड़िता ने गला दबाने की कोशिश किए जाने की बात कही है, बलात्कार होने की नहीं। 
लेकिन मालवीय यहीं नहीं रुके। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने इसके साथ एक वीडियो भी अटैच कर दिया। इस वीडियो में पीड़िता ज़मीन पर लेटी हुई दिखती है, उसका चेहरा साफ दिख रहा है।

अड़े रहे मालवीय

लेकिन अमित मालवीय पर कोई असर नहीं पड़ा, वह यह मानने को कतई तैयार नहीं थे कि उन्होंने कुछ भी ग़लत किया। 
यह इससे ज़ाहिर है कि बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख ने इसके बाद एक और ट्वीट किया। उन्होंने सवाल उठाया, 'कुछ लोग क्यों हाथरस अपराध को यौन हमले का रंग देना चाहते हैं जबकि न तो पीड़िता न ही उसकी माँ ने शुरुआती बयान में यह कहा है, न ही किसी मेडिकल एजेन्सी की रिपोर्ट में बलात्कार का संकेत दिया गया है। क्या शारीरिक हमला और इससे उसकी मौत कमतर अपराध है?'

बीजेपी महिला मोर्चा

अमित मालवीय यहीं नहीं रुके। उन्होंने बीजेपी महिला मोर्चा की सोशल मीडिया सेल की प्रभारी प्रीति गांधी का ट्वीट भी रिट्वीट कर दिया। इस ट्वीट में कहा गया था, 'क्या आप विस्तार से बता सकते हैं कि पीड़िता का वीडियो पोस्ट करना किस नियम का उल्लंघन है? किसी रिपोर्ट में नहीं कहा गया है कि उस पर यौन हमला हुआ था। यह सिर्फ लुटियन मीडिया की कल्पना है। क्या यहां कोई नियम- क़ानून काम करता है या कुछ लोगों के दिमागी फितूर से ही सबकुछ नियंत्रित होगा।'
लेकिन भारतीय दंड संहिता 228 'ए' में कहा गया है, 'जो कोई ऐसी कोई सामग्री प्रकाशित करे या किसी भी दूसरे तरीके से किसी की पहचान उजागर करे जिस पर धारा 376, 376 ए, 376 बी, 376 डी या 376 ई के तहत अपराध हुआ है, उसे दो साल तक की सज़ा हो सकती है और उस पर ज़ुर्माना लगाया जा सकता है।'
हाथरस मामले में दायर एफ़आईआर में धारा 302 (हत्या), धारा 376 डी (बलात्कार) और एससी-एसटी एक्ट लगाया गया है। 
इससे साफ होता है कि अमित मालवीय ने जो कुछ किया है, वह ग़ैरक़ानूनी है, दंडनीय अपराध है, इस पर दो साल तक की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
इसी तरह फ़िल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर और दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट किया था और उसके साथ पीड़िता का वीडियो अटैच कर दिया था। 
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क़मर वहीद नक़वी
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