पुलिस ने पहले भी कहा था कि गुरुद्वारे में पहुंचा युवक चोरी करने आया था। जबकि भीड़ में शामिल लोगों का कहना था कि इस शख़्स ने निशान साहिब की बेअदबी करने की कोशिश की थी।
पंजाब में बेअदबी के मामले और भीड़ हिंसा को लेकर जिस तरह के बयान आ रहे हैं और उस पर जिस तरह की चुप्पी है, क्या वे अच्छे संकते हैं? सजा अदालतें तय करेंगी या भीड़?
जिस पंजाब में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं वहाँ अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई और क्यों बेअदबी का प्रयास किया गया?