भारत जोड़ो को विफल करने के लिए बीजेपी का काँग्रेस तोड़ो अभियान कहाँ तक जाएगा? क्या काँग्रेस के पास इस तोड़-फोड़ का कोई जवाब है? काँग्रेस को छोड़िए, क्या कोई भी पार्टी अंधाधुंध रिश्वतखोरी और ब्लैकमेलिंग का मुक़ाबला कर सकी है?
गोवा में हुआ यह सियासी घटनाक्रम इस बात को दिखाता है कि राजनीति में सत्ता ही सब कुछ है। सभी दलों में बड़ी संख्या में ऐसे नेता हैं जिनकी पार्टी के प्रति कोई वफादारी नहीं होती और वे सिर्फ सत्ता की चाह रखते हैं।
बीजेपी के विधायक राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग न कर सकें, इसके लिए उन्हें कोलकाता के फाइव स्टार होटल में रखा गया है। महाराष्ट्र के शिवसेना गुट के बागी विधायकों को मुंबई के फाइव स्टार होटल में रखा गया है। सवाल है कि बीजेपी और अन्य पार्टियों को अब अपने विधायकों पर क्या जरा भी विश्वास नहीं रह गया है।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। न्यायपालिका ही इन गद्दारों, तानाशाहों से बचा सकती हैः KCR । गोवा कांग्रेस में ‘बगावत’: कांग्रेस ने नेता विपक्ष को
हटाया ।
गोवा के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। वहां सबसे बड़ी पार्टी सरकार नहीं बना पाती और कम सीटों वाली पार्टी सरकार बना लेती है। फिलहाल वहां बीजेपी जीत की ओर है। उससे सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। अंतिम नतीजा आने तक गोवा पर संशय बरकरार रहेगा।
कुछ हफ़्ते पहले कांग्रेस के नेता तृणमूल में शामिल हुए थे तो अब बीजेपी के मंत्री और कई विधायक कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। आख़िर चुनाव से पहले गोवा की राजनीति में क्या चल रहा है?
गोवा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गुरूवार रात को आठ उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को मढ़गांव सीट से उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस के लिए कर्नाटक के बाद गोवा में नया राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। गोवा के 15 से 10 कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है और बीजेपी में शामिल हो गए हैं।