महाराष्ट्र में जिस तरह भाजपा एक-एक सीट पर दावे जता रही है, उससे शिवसेना शिंदे गुट असहज महसूस कर रहा है।केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने दावा जताया तो शिवसेना नेता और पूर्व सांसद रामदास कदम ने भाजपा पर पलटवार किया और सवाल किया कि क्या भाजपा छोटी पार्टियों को खत्म करना चाहती है।
क्या एकनाथ शिंदे गुट की बगावत से काफी पहले ही पिछले साल उद्धव ठाकरे की बीजेपी के साथ गठबंधन के लिए चर्चा हुई थी? जानिए एकनाथ शिंदे खेमे के शिवसेना सांसद ने क्या दावा किया।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो अब यह भी कह दिया है कि शिवसेना से हमारे मतभेद हो सकते हैं लेकिन शिवसेना हमारी दुश्मन बिल्कुल भी नहीं है। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलों का बाज़ार तेज़ हो गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने महाराष्ट्र में राज्यपाल के राष्ट्रपति शासन लगाने के फ़ैसले का बचाव किया है।
मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बीजेपी से अपना 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ने वाली शिवसेना जिनके भरोसे सरकार बनाने का सपना देख रही थी, उन्होंने ही उसका सपना चकनाचूर कर दिया है।
शिवसेना को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी की कितनी चाहत है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके लिए उसने बीजेपी के साथ तीन दशक पुरानी अपनी दोस्ती को तोड़ दिया।
बीजेपी की ओर से सरकार बनाने में अक्षमता ज़ाहिर करने के बाद इस बात की अटकलें तेज़ हो गई हैं कि राज्य में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना मिलकर सरकार बना सकते हैं।
आख़िरकार बीजेपी ने महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाने का फ़ैसला किया है। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं ने शाम को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात के बाद यह बात साफ़ कर दी।
मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, यह दावा भले ही शिवसेना बरसों से कर रही है लेकिन आज उसके इस ख़्वाब को साकार कराने में शरद पवार की ही महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।