शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट की तनातनी अब दिल्ली पहुँच गई है। दिल्ली में शिवसेना के 12 बागी सांसदों ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाक़ात की और उन्हें 12 सांसदों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र सौंपा। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 12 सांसदों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर एक बार फिर निशाना साधा। शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता के साथ जो धोखा 2019 में हुआ था उसको सुधारते हुए अब 2022 में हमने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है। सांसद राहुल शेवाले ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि शिवसेना और बीजेपी के साथ युति करने को लेकर चार बार चर्चा हुई थी, जिसमें उद्धव ठाकरे भी सकारात्मक दिखे थे लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई।
शिंदे ने कहा है कि जिस तरह से 40 विधायकों ने जो भूमिका ली थी वैसी ही भूमिका शिवसेना के इन 12 सांसदों ने भी ली है जिसके चलते ये हमारे साथ जुड़े हैं। शिंदे ने कहा कि जो हमें ढाई साल पहले करना चाहिए था, आज ढाई साल बाद हम वह काम कर रहे हैं। हमको महाराष्ट्र की जनता ने बीजेपी और शिवसेना को बहुमत देकर सरकार बनाने का जनमत दिया था लेकिन सरकार किसी और के साथ बनाई गई। शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र के किसानों के विकास के लिए काम करेगी।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी सरकार को हर संभव मदद देने का ऐलान किया है। गृहमंत्री अमित शाह ने भी सरकार को पूरी तरह से समर्थन देने का वादा किया है। शिंदे ने कहा कि जो सांसद लगभग 20 लाख से ज़्यादा लोगों का नेतृत्व करता है और जिसने हमेशा बाला साहब ठाकरे का सम्मान किया आज वे बालासाहेब ठाकरे के साथ आए हैं। जितने भी विधायक और सांसद हमारे साथ आये हैं, बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे साहब की प्रेरणा के चलते साथ आए हैं।
शिंदे ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के किसानों के लिए समर्पित सरकार रहेगी। महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या बड़े पैमाने पर होती है उसको देखते हुए भी सरकार उसे रोकने के लिए उचित क़दम उठाएगी। शिंदे ने कहा कि हमारा सरकार चलाने के दौरान कोई निजी एजेंडा नहीं होगा हम सिर्फ महाराष्ट्र में बदलाव लाने के लिए काम करेंगे।
लोकसभा में शिवसेना के गटनेता के तौर पर नियुक्त किए गए सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि हमने 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था और मोदी जी के नाम पर लोगों ने हमें वोट दिया था लेकिन महाराष्ट्र में शिवसेना ने दूसरे लोगों के साथ सरकार बना ली। शेवाले ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 2019 लोकसभा चुनाव के दरम्यान जो संकल्प पत्र जाहिर किया था उसमें बीजेपी और शिवसेना गठबंधन को एक साथ चुनाव लड़ने और सरकार बनाने की बात कही थी।
शेवाले अपने कुछ साथी सांसदों के साथ उद्धव ठाकरे से मिले थे और उनसे कहा था कि जनता ने हमें बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया था लेकिन कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने से लोगों में नाराज़गी है।
उन्होंने कहा कि लेकिन उद्धव ठाकरे ने मेरी बात नहीं सुनी। पार्टी के कई सांसद और विधायक लगातार पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से जमीनी हकीकत से रूबरू करा रहे थे लेकिन उद्धव ठाकरे ने हमारी एक बात नहीं सुनी। सांसद राहुल शेवाले ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि शिवसेना और बीजेपी के साथ युति करने को लेकर चार बार चर्चा हुई थी, जिसमें उद्धव ठाकरे भी सकारात्मक दिखे थे लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई।
राहुल शेवाले ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि जब उद्धव ठाकरे दिल्ली आए थे तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लगभग 1 घंटे तक बात की थी जिसमें बीजेपी और शिवसेना को दोबारा एक साथ आने पर भी चर्चा हुई थी। इसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुझे बीजेपी को एक साथ लाने के लिए देवेंद्र फडणवीस से बात करने के लिए कहा था जिस बारे में मैंने देवेंद्र फडणवीस से भी युति को लेकर चर्चा की थी। देवेंद्र फडणवीस शिवसेना के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार थे लेकिन उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने पर कोई फ़ैसला नहीं लिया।
शिंदे ने कहा कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर भी सुनवाई होनी है जिसके लिए उन्होंने दिल्ली में राज्य सरकार के वकीलों से मुलाक़ात की। किस तरह से ओबीसी आरक्षण का रास्ता महाराष्ट्र के लिए साफ़ हो सकता है उसको लेकर भी चर्चा हुई है। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में होने वाले सभी चुनावों को फ़िलहाल रोक दिया है और कहा है कि बगैर ओबीसी आरक्षण के फ़ैसले के राज्य में कोई भी चुनाव संभव नहीं हो सकता।
उद्धव ठाकरे गुट के सांसद विनायक राउत का कहना है कि जिस तरह से 12 सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक पत्र दिया है जिसमें उन्होंने गटनेता और चीफ व्हिप को बदला है वह उसके ख़िलाफ़ अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
अपनी राय बतायें