जब देश में कोरोना दस्तक दे रहा था तो सरकार दिल्ली चुनाव लड़ने में व्यस्त थी, जब कोरोना ख़तरे की घंटी बजा रहा था तो मध्य प्रदेश में सरकार उलटने की कोशिश कर रही थी, डोनल्ड ट्रम्प के लिए लाखों की भीड़ जुटा रही थी, जब कोरोना फैलना शुरू हो गया तो बिना किसी तैयारी के लॉकडाउन घोषित कर दिया गया।
क्या यह रैलियों और राजनीति का समय है, मोदी जी!
- विचार
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- 11 Jun, 2020

कोरोना का संक्रमण काबू से बाहर होता जा रहा है तो गृह मंत्री अमित शाह चुनावी मोड में आ गए हैं। वह करोड़ों रुपये ख़र्च पर डिजिटल रैलियाँ कर रहे हैं।
देश जब कोरोना से लड़ रहा था तो महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया गया। और अब जबकि कोरोना का संक्रमण काबू से बाहर होता जा रहा है तो गृह मंत्री अमित शाह चुनावी मोड में आ गए हैं। वह करोड़ों रुपये ख़र्च पर डिजिटल रैलियाँ कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त की तैयारी चल रही है।
सवाल उठता है कि इस सरकार की और बीजेपी की प्राथमिकता क्या है- देश या सत्ता? अगर उसकी प्राथमिकता में देश होता तो पूरी सरकार अपना ध्यान कोरोना संकट से निपटने में लगाती। वह देखती कि कैसे अस्पतालों का इंतज़ाम किया जाए, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, मरीज़ों की जाँच और देखभाल के लिए साधन जुटाए जाएँ।