Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari has invited the single largest party BJP to form the government pic.twitter.com/VnIXuzjr22
— ANI (@ANI) November 9, 2019
महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही बीजेपी और शिवसेना में सियासी कुश्ती चल रही है और दोनों ही दल एक-दूसरे के सामने झुकने के लिये तैयार नहीं हैं। शिवसेना 50:50 के फ़ॉर्मूले पर अड़ी है जिसके तहत वह राज्य में ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद चाहती है लेकिन बीजेपी मुख्यमंत्री पद के बंटवारे के लिये तैयार नहीं है।
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान में उस समय हंगामा मच गया था जब बृहस्पतिवार को शिवसेना ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाये थे। शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में शिवसेना ने कहा था कि महाराष्ट्र के लोग चाहते हैं कि मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनना चाहिए। संपादकीय में सहयोगी पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाया गया था कि बीजेपी सरकार बनाने के लिये धनबल का इस्तेमाल कर रही है।
महाराष्ट्र में जारी विषम राजनीतिक हालात के बीच कोई रास्ता निकालने के लिये मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर संघ मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत के दरबार में तक हाजिरी लगा चुके हैं। लेकिन बीजेपी-शिवसेना के बीच विवाद अब तक नहीं सुलझ सका है। ख़बरों के मुताबिक़, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र में जारी विवाद में संकटमोचक बन सकते हैं।
राजनीतिक गलियारों में इस बात की जोरदार चर्चा है कि शिवसेना एक ही स्थिति में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए राजी हो सकती है और वह यह है कि जब वह फडणवीस को बदल दे। यानी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कोई दूसरा शख़्स आये और इस दौड़ में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। हालाँकि गडकरी ने इस तरह की ख़बरों को अफ़वाह क़रार दिया है और कहा है कि वह केंद्र में ही ख़ुश हैं।
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