अमेरिका ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा है। वो इसी रूप में अरुणाचल को मान्यता देता है। चीनी सेना द्वारा पूर्वोत्तर राज्य को "चीन के क्षेत्र का हिस्सा" कहने के बाद वाशिंगटन की यह प्रतिक्रिया आई है।
आमतौर पर चीन के बारे में यह मशहूर है कि उसकी सेना बहुत शक्तिशाली है। लेकिन रक्षा कॉमेंटेटर राजीव कुमार श्रीवास्तव ने चीनी सेना के खुद के मूल्यांकन का विश्लेषण करके बताया है कि बात कुछ और है। आप भी जानिए कि वो क्या बताना चाहते हैंः
चीन-भूटान की करीबी पर भारत की नजर है। भूटान का भौगोलिक महत्व है और वो भारत के करीब बना रहे, यह सामरिक, भौगोलिक संतुलन के लिए जरूरी है। लेकिन ऐसा लगता है कि भूटान न सिर्फ चीन के साथ अपने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए समझौता करने जा रहा है, बल्कि चीन के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध भी स्थापित करने वाला है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार 30 अगस्त को कर्नाटक रवाना होने से पहले दिल्ली में कहा कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर जो नक्शा जारी किया है, वो बहुत गंभीर मामला है। प्रधानमंत्री को इस पर कुछ बोलना चाहिए।
2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल रहे पाकिस्तान आधारित आतंकवादी को आख़िर चीन क्यों बचा रहा है? वह क्यों उसे वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल होने से रोक रहा है?
चीन अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदल दिए हैं। इस पर भारत ने उसकी इस हरकत को खारिज कर दिया है। चीन लगातार किसी न किसी मोर्चे पर भारत के खिलाफ कोई न कोई हरकत करता रहता है। हालांकि बीच-बीच में बातचीत की खबरें भी आती हैं।
भारत-चीन ने बुधवार को फिर बातचीत की। भारत ने अपना दूत बीजिंग भेजा था। दोनों ओर से बयान भी जारी हुए। लद्दाख बॉर्डर पर बने गतिरोध को लेकर कोई सफलता नहीं मिली। अलबत्ता दोनों पक्ष 18वें दौर की सैन्य बातचीत के लिए सहमत हो गए हैं।
पूर्वी लद्दाख इलाके में करीब 26 प्वाइंट्स पर भारत गश्त नहीं कर पा रहा है। यह तथ्य कैसे सामने आया, इसका खुलासा आज द हिन्दू अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में किया है। बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने पीएम मोदी पर इस मुद्दे पर हमला किया है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को पूर्वी लद्दाख बॉर्डर पर तैनात चीनी सैनिकों से क्यों बात की। अभी वजह साफ नहीं है और भारत ने इस पर प्रतिक्रिया भी नहीं दी है। फिर भी जानिए घटनाक्रमः
तवांग की स्थिति को लेकर अरुणाचल प्रदेश से बीजेपी सांसद तापिर गाव ने 2019 में ही सरकार को चेतावनी दी थी। लेकिन उनकी चेतावनी को अनसुना किया गया। जानिए कि आखिर बीजेपी सांसद तापिर गाव ने चीन के बारे में उस समय और क्या क्या कहा थाः
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । चीन पर सरकार ने चर्चा नहीं होने दी, सवालों के जवाब नहीं दिए। भारत और चीनी सैनिकों की झड़प पर संसद में बोले रक्षामंत्री
तवांग झड़प पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संसद में बयान । लेकिन देश को पता चला मीडिया के ज़रिये । सरकार ने दो दिन तक क्यों छिपाये रखा ? संसद जारी है ? संसद को तो सबसे पहले बताना चाहिये ? वो औपचारिकता भी नहीं निभाई गयी ? क्यों ? कितनी गंभीर है चीन की घुसपैठ की कोशिश?